Bihar Assembly Elections 2020: मधुबनी की हरलाखी विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा. उनपर आलू-प्याज़ और पत्थर फेंके गए. मुख्यमंत्री ने भी लोगों से कहा फेंकिए और फेंकिए. मुख्यमंत्री ने ये बात एक बार नहीं बल्कि पांच बार दोहराई. मुख्यमंत्री ने अपने सुरक्षाकर्मियों को भी रोक दिया और उनसे कहा कि फेंकने दीजिए इन्हें रोकिए मत. कुछ दिन बाद खुद ही समझ जाएंगे. इसके बाद जनता की ओर से आलू-प्याज़ और पत्थर फेंके जाने बंद हो गए. वैसे भी जितने आलू-प्याज़, पत्थर फेंके गए उनमें से एक भी मुख्यमंत्री को नहीं लगा.
Live - बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की चुनावी सभा। विधानसभा- हरलाखी (जिला- मधुबनी) से https://t.co/DkRZ9SR8j0
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 3, 2020
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीसरे चरण के प्रचार के लिए मंगलवार को मधुबनी की हरलाखी विधानसभा सीट पर चुनावी सभा कर रहे थे तभी उन पर आलू-प्याज़ और पत्थर फेंके जाने लगे. आलू, प्याज़, पत्थर फेंकेने वालों का कहना था कि राज्य में खुलेआम शराब की तस्करी हो रही है. बिक्री हो रही है लेकिन आप इस दिशा में कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
हालांकि जब हंगामा रुका तो नीतीश कुमार ने फिर से अपना चुनावी भाषण शुरु किया और राज्य में रोजगार बढ़ाने के वादे करने लगे. उन्होंने जनता से वादा किया कि अब किसी को रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ेगा. अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार में 15 साल में 6 लाख से ज़्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दी गई. नीतीश कुमार ने तेजस्वी का नाम लिए बग़ैर कहा कि सरकारी नौकरियों की एक सीमा होती है. उससे ज़्यादा किसी को नौकरी नहीं दी जा सकती. लेकिन कुछ लोग जनता को नौकरी के नाम पर वरगला रहे हैं.
नीतीश ने पूछा जब आरजेडी ने 15 साल शासन किया था तो राज्य के सभी युवकों को सरकारी नौकरी क्यों नहीं दी गई. सिर्फ 95 हजार लोगों को ही आरजेडी के शासनकाल में नौकरी मिली थी.
इस घटना पर बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि ये घटना विपक्ष की हताशा को दर्शाता है. विपक्ष समझ चुका है कि वोट के माध्यम से हमें नहीं हराया जा सकता इलीलिए ऐसी ओच्छी हरकतों पर उतर आए हैं. विपक्ष बिहार को फिर से जंगल राज के दौर में ले जाना चाहता है. लेकिन फैसला तो वोट ही करेगा और बिहार की जनता सब देख और समझ रही है.
अब तक के चुनाव प्रचार में नीतीश कुमार पर ये दूसरा हमला था. इससे पहले मुजफ्फरपुर के सकरा में एक चुनावी रैली के दौरान मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर की तरफ किसी ने चप्पल फेंकी थी. हालांकि ये चप्पल भी मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंची थी. इसके अलावा मुख्यमंत्री की सभा में नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे भी लग चुके हैं. कई जगह पर तो नारेबाज़ी करने वालों को खुद नीतीश कुमार ने टोका भी है.
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