मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की पत्नी नीता अंबानी (Nita Ambani) को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के प्रस्ताव पर छात्रों के विरोध के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक बयान जारी किया है. BHU प्रशासन के बयान के मुताबिक, "नीता अंबानी की किसी भी संकाय, विभाग या केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है."
बीएचयू के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंबानी की नियुक्ति का कोई प्रस्ताव अकादमिक परिषद को नहीं भेजा गया है.
हालांकि सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में महिला अध्ययन केंद्र में अतिथि व्याख्यान देने के लिए अंबानी को निमंत्रण भेजा था.
नीता अंबानी को एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किए जाने की खबरों के कारण मंगलवार को छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया था.
मंगलवार को करीब 40 छात्रों ने कुलपति राकेश भटनागर के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा था. छात्रों का तर्क था कि इस कदम से गलत मिसाल कायम होगी. उनके मुताबिक, "अमीर व्यक्ति की पत्नी होना कोई उपलब्धि नहीं है और ऐसे लोग हमारे लिए आइकन नहीं बन सकते हैं. यदि आप महिला सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं, तो अरुणिमा सिन्हा, बछेंद्री पाल, मैरी कॉम या किरण बेदी जैसे आइकन को आमंत्रित करें."
वहीं, इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि बाकी 2 विजिटिंग फैकल्टी के पदों के लिए उद्योगपति गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अदानी और ब्रिटेन में रहने वाले स्टील टाइकून लक्षमी मित्तल की पत्नी उषा मित्तल के नामों पर भी विचार किया गया है.
आपको बता दें कि सामाजिक विज्ञान संकाय का महिला अध्ययन केंद्र लगभग 2 दशक पहले स्थापित किया गया था. इसमें विजिटिंग प्रोफेसरों के लिए 3 पद हैं.
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