रिपब्लिक चैनल के संपादक अर्नब गोस्वामी की 500 पेज की सनसनीखेज चैट की लीक ने देश में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है. सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी क्रम में आज राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने फेसबुक पेज पर दिए अपने बयान में सरकार से इस पूरे मामले की संसदीय कमिटी से जांच कराने की मांग की है. तेजस्वी ने अपने पोस्ट में सवाल उठाया है कि ये कैसी देशभक्ति है जहांं हमारे वीर जवानों की शहादत को TRP और चुनावी फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया गया. इससे दुर्भाग्यपूर्ण-निंदनीय हरकत कुछ नहीं हो सकती.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि हमारे देश को माफ़ीनामा और शहादत की सौदेबाज़ी वाली देशभक्ति की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग अनंत काल तक नहीं रहेंगे और लालची गोदी मीडिया वाले भी हमेशा के लिए नहीं रहेंगे लेकिन इनके द्वारा भारतीय लोकतंत्र, संवैधानिक संस्थाओं और उनकी विश्वसनीयता को जो नुकसान हो रहा है वह अपरिवर्तनीय और अकल्पनीय है. देश को यह क़तई स्वीकार्य नहीं है.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि रिपब्लिक चैनल के संपादक की 500 पेज की सनसनीखेज चैट की लीक ने दिनभर राजनेताओं को गाली देने वाले छद्म प्रवचनकारी पत्रकारों को बेनकाब किया है. उन्होंने कहा कि गोदी मीडिया और उसके पत्रकारों को मोदी सरकार टखनों तक जकड़े हुए हैं. सरकार बताएं कि देश की सुरक्षा और अखंडता संबंधित अति गोपनीय सूचनाएं गोदी मीडिया तक कैसे पहुंच रही है? इन लोगों को कैसे पता की कब और कहां आतंकवादी हमला होगा? कब स्ट्राइक होगी इत्यादि?
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक अन्य तथ्य यह भी है कि मोदी सरकार को इस तरह के सुविधाभोगी बिकाऊ दलाल चैनलों के माध्यम से सभी तरह के भद्दे सच को मिटाने के लिए धर्म और राष्ट्रवाद की आवश्यकता है. इस पूरे प्रकरण की संसदीय कमिटी द्वारा जांच होनी चाहिए.
बता दें कि अर्नब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुए कथित व्हाट्सएप चैट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. चैट पर हुई बातचीत के अनुसार अर्नब और पार्थो दासगुप्ता को पहले से पता था कि देश में कुछ बड़ा होने वाला है. 23 फरवरी 2019 को चैट पर बात होती है और 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक होता है. इसके बाद हुए चुनावों में बीजेपी को भारी जीत मिलती है और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं. इस वायरल चैट पर देश के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सरकार के कुछ वरिष्ठ लोग गुप्त सूचनाओं को लीक कर रहे हैं. यह देश के लिए खतरनाक है.
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