केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संघीय क़ानून लागू करने का एक नया आदेश जारी किया है. ये जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संघीय क़ानूनों का अंगीकरण) संबंधी तीसरा आदेश है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में लागू बारह पुराने क़ानूनों में बदलाव किए हैं. जबकि 26 अन्य क़ानूनों में बदलाव के साथ उन्हें मंज़ूरी दी गई है.
नए आदेश के बाद अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में देश का कोई भी नागरिक ज़मीन ख़रीद सकेगा. हालांकि राज्य में खेती योग्य ज़मीन किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं बेची जा सकेगी, जो खेती नहीं करता. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ज़मीन ख़रीदने के लिए अब निवास प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं होगी.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में देश का कोई भी नागरिक ज़मीन ख़रीद सकेगा. इसके लिए अब निवास प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं होगी. सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं. @JandKTourism #JammuAndKashmir #Ladakh @PMOIndia #thelastbreaking pic.twitter.com/tk49qhV6Gr
— The Last Breaking (@thelastbreaking) October 27, 2020
हालांकि, नए क़ानून में ये प्रावधान है कि अगर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का कोई किसान अपनी खेती योग्य किसी ज़मीन को बेचना चाहता है तो वो उसे बाक़ी खेती योग्य ज़मीन से अलग करके किसी सक्षम अधिकारी से नॉन एग्रीकल्चर लैंड घोषित करा सकता है. फिर, वो किसान उस ज़मीन को बेच सकेगा, तोहफ़े में किसी और को दे सकेगा, उसे गिरवी रख सकेगा.
केंद्र सरकार के नए आदेश के बाद अब अगर सेना के कोर कमांडर स्तर के अधिकारी लिखित रूप में ये कहते हैं कि कोई ज़मीन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, तो सरकार उसे स्ट्रैटेजिक एरिया घोषित करके सैन्य बलों को सौंप सकेगी.
गृह मंत्रालय ने केंद्र के क़ानून जम्मू-कश्मीर में लागू करने की ये अधिसूचना, पिछले साल पांच अगस्त को संविधान की धारा 370 में किए गए बदलाव से मिले अधिकारों के तहत की है. इससे पहले संविधान की धारा 35A के कारण, जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोग राज्य में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते थे. और भारत की संसद के बनाए कई क़ानून जम्मू-कश्मीर में सीधे तौर पर नहीं लागू होते थे. उनके लिए जम्मू-कश्मीर की विधानसभा से मंज़ूरी लेनी होती थी.
लेकिन, पिछले साल संविधान संशोधन करके सरकार ने धारा 370 और 35A को हटा दिया था. जिसके बाद अब केंद्र सरकार सामान्य आदेश से किसी भी संघीय क़ानून को जम्मू-कश्मीर में लागू कर सकती है.
सरकार ने आज जो आदेश जारी किया है, उसके बाद साल 2016 में संसद का बनाया रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) क़ानून तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू हो गया है. इसके बाद अब देश का कोई भी नागरिक अगर चाहे तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में ज़मीन ख़रीद सकता है.
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