देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central Universities) में एडमिशन के लिए अब एक ही एंट्रेंस टेस्ट (Entrance Test) होगा. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) हर साल एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (Common Entrance Test) आयोजित करेगी जिसके जरिए देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन होगा. खास बात यह है कि अलगे साल से ही कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की शुरुआत हो जाएगी. सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है. सरकार ने एप्टीट्यूड टेस्ट का प्रारूप तैयार करने को लेकर एक कमिटी गठित की है. 7 सदस्यीय कमिटी एंट्रेंस टेस्ट का स्तर और पैटर्न तय करेगी जिसे अकादमिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कम्प्यूटर बेस्ड होगा जिसका आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA द्वारा किया जाएगा. सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के यूजी कोर्स में एडमिशन के लिए यह टेस्ट अनिवार्य होगा.
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने कहा, 'इसे केंदीय विश्वविद्यालयों के लिए 2021-2022 सत्र से लागू किया जाना है.' एग्जाम में एक जनरल टेस्ट होगा और एक विषय विशेष टेस्ट होगा. जनरल टेस्ट के जरिए छात्रों के एप्टीट्यूड की परख होगी, इसमें वर्बल, क्वांटिटेटिव, लॉजिक व रीजनिंग से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं, दूसरा पेपर उनके विषय पर आधारित होगा. सभी के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट अनिवार्य होगा जबकि सब्जेक्ट टेस्ट में वह अपना विषय खुद चुन सकेंगे.
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उच्च शिक्षा सचिव ने कहा कि यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद जैसे निकायों का विलय किया जाएगा. भारत में एक हॉयर एजुकेशन कमीशन होगा. इसके अलावा देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान कोष का गठन भी किया जाएगा.
VIDEO: CET 2020: अगले साल से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए होगा देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन
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