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सलाखों के पीछे पहुंचा दिल्ली दंगों का आरोपी खालिद 

TLB Desk

नई दिल्‍ली 14 Sep, 2020 05:41 pm

इस साल फ़रवरी में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी उमर ख़ालिद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. उमर ख़ालिद जेएनयू के छात्र नेता रहे हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ख़ालिद को रविवार की रात उनके घर से अरेस्ट किया.

उमर ख़ालिद से दिल्ली पुलिस रविवार दोपहर लगभग एक बजे से पूछताछ कर रही थी. क़रीब दस घंटे की पूछताछ के बाद रात के ग्यारह बजे स्पेशल सेल के अधिकारियों ने ख़ालिद को गिरफ़्तार कर लिया. 

ख़ालिद, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट नाम की संस्था के सह संस्थापक भी हैं. संस्था ने बताया है कि उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने UAPA यानी गैर-क़ानूनी गतिविधियों की रोकथाम वाले क़ानून की धाराओं के अंतर्गत गिरफ़्तार किया है.अब पुलिस ने पूछताछ के लिए 10 दिन अपने हिरासत में रखने की मांग की है.

उमर ख़ालिद, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे. उनकी संस्था यूनाइटेड अगेंस्ट हेट का कहना है कि इसीलिए दिल्ली पुलिस ने ख़ालिद को दंगों का आरोपी बनाया है, ताकि, CAA जैसे क़ानून का विरोध करने वालों की आवाज़ दबाई जा सके.

वहीं, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि 'दंगों के पीछे एक गहरी साज़िश थी.' दंगों के मामले में 6 मार्च 2020 को दर्ज हुई मूल FIR नंबर-59 इसी कथित साज़िश के बारे में है. इस FIR में उमर ख़ालिद का आरोपियों में पहला नाम है. FIR के मुताबिक़, उमर ख़ालिद ने फ़रवरी 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में दंगे कराने की साज़िश रची और अपने सहयोगियों की मदद से भीड़ जुटाई.

उमर ख़ालिद का नाम पहली बार जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार के साथ फ़रवरी 2016 में सुर्ख़ियों में आया था. तब से उमर ख़ालिद कई मामलों में अपने कुछ बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में रहे हैं. उमर ख़ालिद लगातार मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहे हैं. इसी कारण से वो मोदी समर्थकों के निशाने पर रहे हैं. फ़रवरी 2016 में संसद पर हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरू को फ़ांसी दिए जाने की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण देने वाले उमर ख़ालिद को इसी भाषण की वजह से मोदी विरोधी और देशद्रोही क़रार दिया गया. आरोप लगाया गया था कि जेएनयू में हुए इस कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे. और ये देश विरोधी नारे लगाने वालों में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और छह अन्य छात्रों में उमर ख़ालिद भी थे. इसके बाद उमर ख़ालिद पर राजद्रोह का केस लगा. वे पुलिस रिमांड पर रहे. लेकिन, बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी. अब वो दिल्ली दंगों के आरोप में सलाखों के पीछे हैं.

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