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ऑनलाइन कंटेंट अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में

Suresh Kumar

नई दिल्‍ली 11 Nov, 2020 03:39 pm

केंद्र सरकार ने ऑनलाइन माध्यम पर आने वाली सभी सामग्रियों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में डाल दिया है.

कैबिनेट सचिवालय की ओर से मंगलवार रात एक नोटिफ़िकेशन जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि, इंटरनेट पर उपलब्ध फ़िल्म और समाचार संबंधी कंटेंट भी अब सूचना-प्रसारण मंत्रालय के दायरे में आएंगे. इनमें ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म जैसे अमेज़न, पर दिखाया जाने वाला कंटेंट शामिल होगा.

कैबिनेट सचिवालय ने जो नोटिफ़िकेशन जारी किया है, उस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तख़त हैं. और ये लिखा गया है कि ऑनलाइन कंटेंट को लेकर सरकार द्वारा किया गया ये बदलाव तुरंत लागू हो गया है.

इस आदेश के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय इंटरनेट पर आने वाले फ़िल्मों और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रमों, करेंट अफेयर्स के प्रोग्राम से जुड़ी नीतियों को रेग्यूलेट कर सकता है. यानी अब ऑनलाइन कंटेंट को लेकर सरकार मौजूदा नीतियों में बदलाव कर सकती है. या उनकी जगह नई नीतियां बना सकती है.

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया के अधिकार के दुरुपयोग पर सवाल उठाए थे. उस समय सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि फिलहाल मुख्यधारा के मीडिया संस्थान यानी, टीवी, रेडियो और अख़बार स्व नियमन या सेल्फ रेग्यूलेशन के दायरे में आते हैं. और उन्होंने पर्याप्त रूप से संयम बनाए रखा है. लेकिन, सरकार ने ऑनलाइन दुनिया में अराजकता का सवाल उठाया था. और कहा था कि अभी ज़रूरत ऑनलाइन कंटेंट के रेग्यूलेशन की है.

आलोचकों का कहना है कि इस बदलाव के साथ अब सरकार ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद अपने आलोचकों को निशाना बना सकती है. क्योंकि, मुख्यधारा का मीडिया तो पहले ही सरकार के आलोचक से अधिक उसका प्रशंसक बन चुका है. वहीं, ऑनलाइन क्षेत्र में ऐसे तमाम कंटेंट प्रोड्यूस किए जा रहे हैं, जो सरकार की कमियां उजागर करते रहे हैं. उसकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.

वहीं, अमेज़न और नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर बिना सेंसर के मौजूद सामग्री को लेकर समाज के कई वर्ग प्रश्न उठा चुके हैं. उनका कहना था कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रेग्यूलेशन न होने के कारण ऐसी बहुत सी सामग्री परोसी जा रही है, जो भारतीय परंपराओं, संस्कृतियों के ख़िलाफ़ है. और इसका भारतीय दर्शकों पर बुरा असर हो रहा है.

अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में सरकार इस दिशा में कौन से नियम या नीतियां बनाती है. और इससे ऑनलाइन कंटेंट की स्वतंत्रता पर किस हद तक असर पड़ता है.

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