अगले साल से कई भर्तियों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले साल से केंद्र सरकार की कुछ भर्तियों के लिए उम्मीदवारों का चयन राष्ट्र स्तर पर आयोजित होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के जरिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक युवाओं के लिए यह परीक्षा एक बड़ा वरदान होगी. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) का गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ किया गया है."
उन्होंने कहा कि एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगा, जो ग्रुप-बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग और शॉर्टलिस्ट परीक्षा आयोजित करेगा. उन्होंने कहा कि इस सुधार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे देश के हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र होगा, जो दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच बढ़ाएगा.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए होगा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयोंस में एडमिशन के लिए अब एक ही एंट्रेंस टेस्ट होगा. नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हर साल एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (Common Entrance Test) आयोजित करेगी जिसके जरिए देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन होगा. खास बात यह है कि अलगे साल से ही कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की शुरुआत हो जाएगी. सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है. सरकार ने एप्टीट्यूड टेस्ट का प्रारूप तैयार करने को लेकर एक कमिटी गठित की है. 7 सदस्यीय कमिटी एंट्रेंस टेस्ट का स्तर और पैटर्न तय करेगी जिसे अकादमिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा.
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उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने बताया था, 'इसे केंदीय विश्वविद्यालयों के लिए 2021-2022 सत्र से लागू किया जाना है.' एग्जाम में एक जनरल टेस्ट होगा और एक विषय विशेष टेस्ट होगा. जनरल टेस्ट के जरिए छात्रों के एप्टीट्यूड की परख होगी, इसमें वर्बल, क्वांटिटेटिव, लॉजिक व रीजनिंग से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं, दूसरा पेपर उनके विषय पर आधारित होगा. सभी के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट अनिवार्य होगा जबकि सब्जेक्ट टेस्ट में वह अपना विषय खुद चुन सकेंगे.
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