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संसद के मॉनसून सत्र में मंदी, बेरोज़गारी और चीन पर चर्चा चाहता है विपक्ष

Suresh Kumar

14 Sep, 2020 12:41 am

संसद का मॉनसून सत्र कोविड-19 महामारी के क़हर के बीच हो रहा है. जिसमें सीमित संख्‍या में संसद की कार्यवाही चलेगी. इसमें आधे सांसद सदन में तो आधे दर्शक दीर्घा में बैठेंगे. क़रीब सात महीने बाद हो रही संसद की ये बैठक काफ़ी हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए आर्थिक सुस्ती, बेरोज़गारी, कोविड-19 के बढ़ते मामले और भारत चीन सीमा पर तनाव जैसे कई मुद्दे हैं.

संसद की बैठक शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में तमाम दलों के नेताओं के साथ बैठक की. लोकसभा की बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी की इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने की. इस बैठक में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद वसंत कुमार के निधन पर सदन की बैठक को एक दिन के लिए स्थगित करने की मांग की गई. ये मांग कांग्रेस और टीएमसी ने उठाई. लेकिन, बाद में दिवंगत नेताओं के सम्मान में सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करने पर सहमति बनी.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी की बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन को मिलकर चलाने का संकल्प लिया. बिरला ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने उनसे वादा किया है कि वो अपने संवैधानिक दायित्व को निभाते हुए आम जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर सदन को चलाएंगे. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने उन्हें सदन के संचालन में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया. स्पीकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस सत्र में सभी सांसद मिलकर सार्थक चर्चा करेंगे.

वहीं, सरकार की ओर से संसदीय कार्य प्रहलाद जोशी ने कहा कि, सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है. मंगलवार को बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी की एक और बैठक होगी. प्रहलाद जोशी ने कहा कि भारत और चीन के मुद्दे पर सरकार सोच विचार कर बयान देगी. इस मीटिंग में बीजेपी की ओर से प्रहलाद जोशी और अर्जुन राम मेघवाल, अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और के सुरेश, AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, डीएमके नेता टी आर बालू, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा, और टीडीपी के राममोहन नायडू शामिल हुए थे. सरकार की कोशिश थी कि वो लोकसभा में अपने लिए अहम विधेयकों और अध्यादेशों पर विपक्ष की सहमति हासिल कर ले.

हालांकि, विपक्षी नेताओं ने साफ़ संकेत दिए हैं कि उनके पास सरकार को घेरने के लिए पर्याप्त मुद्दे हैं.

दिल्ली दंगों पर आई पुलिस की चार्जशीट को लेकर भी सदन में बवाल हो सकता है. कोविड-19 को लेकर एहतियात को देखते हुए बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी की बैठक में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया भी इस बैठक में शामिल हुए.

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