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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की इंटरनेशनल फ़जीहत, झूठा देश है... 

Atit

नई दिल्‍ली 27 Aug, 2020 02:03 am

क़रीब दो सौ देशों के वैश्विक मंच संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी भारी फ़जीहत करा ली. उसका झूठ पकड़ा गया. दुनिया ने माना भी कि पाकिस्तान एक नंबर का झूठा देश है. 

असल में संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूतावास की ओर से एक के बाद एक ट्वीट किए गए. इनका मजमून कुछ यूं था कि-

‘एक बार फिर पाकिस्तान ने पांच बड़े झूठ बोले और वो रंगे हाथों पकड़ा गया.’

UN में भारतीय दूतावास ने कहा कि, ‘हमने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के मिशन का एक बयान देखा है. इसमें पाकिस्तान ने दावा किया है कि उनके स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में ये बयान दिया है. हमें समझ में नहीं आता कि पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने आख़िर ये बयान दिया कहां? क्यंकि सुरक्षा परिषद की बैठक में आज उन देशों के प्रतिनिधि तो शामिल ही नहीं हो सकते थे, क्योंकि उन्हें इसकी इजाज़त नहीं थी. तो, साहिबान…पाकिस्तान के पांच झूठों का एक बार फिर से पर्दाफ़ाश हो गया है.’

इसके बाद UN में भारतीय दूतावास की ओर से कई और ट्वीट किए गए. जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान ने जिन पांच हक़ीक़तों का बयान किया है, वो दरअसल ख़ुद उसी के गढ़े हुए फ़साने हैं. जैसे कि, पाकिस्तान ने ख़ुद को सीमा पार से आतंकवाद का शिकार बताया. जबकि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान, दूसरे देशों में आतंक फैलाने का सबसे बड़ा गढ़ है. पाकिस्तान में सबसे ज़्यादा वो आतंकवादी पनाह लिए हुए हैं, जिन पर दुनिया के तमाम देशों ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ख़ुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा था कि उनके वतन में 40 से 50 हज़ार आतंकवादी हैं.

पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने ये दावा भी किया कि उन्होंने अपने यहां से आतंकी संगठन, अल क़ायदा का नाम-ओ-निशां मिटा दिया है. जबकि, इस संगठन का आक़ा ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया, ये दुनिया जानती है. और ख़ुद पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म, आतंकवादी ओसामा को शहीद का दर्जा दे चुके हैं.

असल में, भारत और पाकिस्तान के बीच बयानों वाली इस ताज़ा टक्कर की शुरुआत, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूतावास की ओर से जारी एक बयान से हुई थी.

इस बयान में पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया था कि संयुक्त राष्ट्र में उनके स्थायी प्रतिनिधि राजदूत मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र् सुरक्षा परिषद् की खुली बैठक में एक बयान दिया. 

पाकिस्तान का दावा था कि मुनीर अकरम ने ये बयान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के महासचिव की एक रिपोर्ट पर दिया. ये रिपोर्ट, आतंकवादी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को ख़तरों पर थी.

मगर, भारत ने साफ़ तौर पर पाकिस्तान के इस दावे का पर्दाफ़ाश कर दिया. पहला तो ये कि उस दिन सुरक्षा परिषद् की खुली बैठक हुई ही नहीं, जिस दिन पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि बयान देने का दावा कर रहे थे. दूसरी बात ये कि चूंकि, इस समय पाकिस्तान सुरक्षा परिषद् का सदस्य ही नहीं है, तो वो उस दिन हुई बैठक में शामिल ही नहीं हो सकता था.

पाकिस्तान की फ़ज़ीहत को तब और पलीता लग गया, जब संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल के मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया ने भी कह दिया कि पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि का ये बयान रिकॉर्ड में नहीं दर्ज किया जाएगा.

यानी पाकिस्तान जो ढोल बजा रहा था, उसकी न तो किसी ने आवाज़ सुनी और न ही दुनिया में किसी ने पाकिस्तान को ऐसा करते देखा.

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