कोरोना की मार ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया. लोगों के काम धंधे चौपट हो गए; नौकरी छूट गई, करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. सरकार की तरफ से बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई और हो सकता है आमलोगों तक उसका लाभ भी पहुंचा हो. मगर मध्यम आर्य वर्ग के लोग और नौकरीपेशा लोग जिनके बच्चे पब्लिक स्कूलों में पढ़ते हैं वो परेशान ही है. उनकी परेशान का कारण अधिकांश की सैलरी कटौती, बिना सैलरी घर बैठा दिया जाना, और कुछ की नौकरी का चला जाना तो है ही साथ ही उनके सामने अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए डेस्कटॉप और लैपटॉप का इंतजाम करना भी है. क्योंकि स्कूल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. अब इस दोहरी मार से बचने के लिए ऐसे पैरेंट्स स्कूल से फीस कम करने की मांग कर रहे हैं और साथ ही यह सवाल भी कि जब हमारे बच्चे स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा ही नहीं ले रहे हैं तो फिर फीस किस बात का? यह प्रदर्शन के आर मंगलम स्कूल के सामने का है.
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