कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार ने हमारी जमीन चीन को दे दी. आपको बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच गतिरोध पर गुरुवार को संसद में कहा था कि पैंगोंग क्षेत्र में चीन के साथ सेना हटाने की योजना पर काम जारी है. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा था कि भारत ने इस क्षेत्र में कुछ नहीं खोया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन द्वारा सेनाएं हटाने की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनने के बारे में संसद में बयान देने के एक दिन बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक थी, फिर क्यों सैनिकों को फिंगर 3 पर लाया गया?"
राहुल गांधी के मुताबिक, "कल रक्षा मंत्री ने संसद में अपनी बात कही, इसमें कुछ चीजें हैं जो साफ होनी चाहिए. भारत सरकार की पोजिशन मामले की शुरुआत में थी कि अप्रैल से पहले की स्थिति लागू की जाएगी, लेकिन अब रक्षा मंत्री ने आकर बयान दिया है. हमारी जगह फिंगर 4 पर है, लेकिन सरकार ने फिंगर 3 पर सहमति क्यों दी. प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने भारतीय जमीन को चीन के हवाले क्यों दिया."
राहुल गांधी ने डेपसांग मसले पर भी कहा कि वहां से चीनी सेना पीछे क्यों नहीं हटी है? उनके मुताबिक ये साफ है कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत की पवित्र जमीन चीन को पकड़ा दी है. पीएम मोदी ने चीन के सामने माथा टेक दिया है."
ग़द्दारों ने भारत माता को चीरकर एक टुकड़ा चीन को दे दिया! pic.twitter.com/3UfRAvKd8c
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 12, 2021
राहुल गांधी ने कहा कि देपसांग, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को देश को जवाब देना चाहिए.
राहुल ने कहा, "इस देश के क्षेत्र की रक्षा करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. वह इसे कैसे करते हैं, यह उनकी समस्या है, मेरी नहीं."
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि सेनाएं कमांड पोस्ट पर लौट आएंगी और उन्होंने कहा, "एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी और टकराव के बाद से भारत ने कुछ भी नहीं खोया है."
उन्होंने कहा था कि चीन के साथ निरंतर वार्ता से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बन गई है.
राजनाथ सिंह ने कहा था कि चीन में पैंगोंग झील के उत्तर में और फिंगर 8 के पूर्व में अपने सैनिकों को रखेगा. भारत अपने सैनिकों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी ठिकाने पर रखेगा.
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में पिछले साल मार्च से विवाद शुरू हुआ था. तब पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सेना ने घुसपैठ कर LAC पार कर ली थी. इसके बाद चीन ने पीछे हटने से मना कर दिया और फिर दोनों सेनाओं मे विवाद बढ़ गया. जून 2020 में भारत-चीन के बीच सीमा पर हुए संघर्ष में 20 जवान शहीद हो गए. इसके बाद कई दौरा की बातचीत हुई, लेकिन सब बेनतीजा रही. हालांकि, अब समझौते का ऐलान हो गया है.
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