दिल्ली सरकार अपने सभी स्कूलों में केजी से आठवीं की कक्षाओं के बच्चों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करेगी. इस पाठ्यक्रम में स्वयं, परिवार, स्कूल, समाज, राष्ट्र और विश्व को लेकर समझ विकसित की जाएगी. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में उन मूल्यों और कौशलों को स्थापित करना जो बच्चों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले सक्रिय और प्रतिबद्ध नागरिक बनाने के लिए तैयार करे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पाठ्यक्रम के विषय पर कहा, "भारत के गौरव और हमारे संवैधानिक मूल्य सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, उसे जीवन में उतारने कि जरूरत है."
देशभक्ति पाठ्यक्रम के लिए एक कमेटी भी गठित की गई है. सोमवार को इस कमेटी के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री को पाठ्यक्रम के प्रगति के विषय में बताया. पाठ्यक्रम में स्वयं, परिवार, स्कूल, समुदाय, समाज, राष्ट्र और विश्व के संदर्भ में गहरी समझ विकसित करने के पांच प्रमुख विषयवस्तु शामिल होंगे.
दिल्ली सरकार के मुताबिक इसका उद्देश्य छात्रों में देश के लिए गर्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है. देशभक्ति पाठ्यक्रम छात्रों में स्वयं के आत्मबोध से समानता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक और सामाजिक मूल्यों जीने के लिए कौशल प्रदान करने का प्रयास करेगा. पाठ्यक्रम में विभिन्न तरीकों को अपनाया जाएगा, जिसमें समूह-कार्य, माइंड मैपिंग, रोल प्ले, ग्रुप रिफ्लेक्शन गतिविधियां और कहानी शामिल है.
पाठ्यक्रम समिति को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और संगठनों टीच फॉर इंडिया, कॉम्युटिनी- द यूथ कलेक्टिव, प्रवा, और वी द पीपल अभियान द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है.
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