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PM ने ड्राइवरलेस ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, बोले- 25 शहरों में चलाई जाएगी मेट्रो

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 28 Dec, 2020 08:03 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को देश की पहली चालक रहित यानी कि ड्राइवरलेस ट्रेन और एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस लाइन के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) का शुभारंभ किया. ड्राइवरलेस मेट्रो को वर्चुअल माध्‍यम से हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में 2025 तक करीब 25 शहरों में मेट्रो चलाने का प्लान है. आपको बता दें कि इसी के साथ दिल्‍ली मेट्रो की मजेंटा लाइन में ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा की शुरुआत हो गई है. मजेंटा लाइन जनकपुरी पश्चिम और बॉटेनिकल गार्डन स्‍टेशनों को कनेक्‍ट करती है.

जानकारी के मुताबिक मजेंटा लाइन के बाद 2021 के मध्‍य तक पिंक लाइन (मजलिस पार्क - शिव विहार) तक भी ड्राइवरलेस टेक्‍नोलॉजी का विस्‍तार किया जाएगा. इस विस्‍तार के साथ दिल्‍ली मेट्रो का ड्राइवरलेस नेटवर्क 94 किलोमीटर यानी दिल्‍ली मेट्रो के कुल नेटवर्क का 9 फीसदी होगा.

यही नहीं मजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस तकनीक के शुभारंभ के साथ ही दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) दुनिया के उन 7 फीसदी मेट्रो नेटवर्क के संभ्रांत वर्ग में शामिल हो गया है जो ड्राइवरलेस टेक्‍नोलॉजी का हिस्‍सा हैं.

आपको बता दें कि डीएमआरसी के पास साल 2017 से ही ड्राइवरलेस टेक्‍नोलॉजी है, लेकिन आम जनता के लिए इसे लागू करने से पहले इसका सघन परीक्षण किया गया. पहले तय किया गया था कि मार्च 2020 में इसे शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण इसे स्‍थगित करना पड़ा था.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि शहरीकरण को चुनौती न माना जाए बल्‍कि इसे अवसर मानना चाहिए. पीएम के मुताबिक, "कुछ दशक पहले जब शहरीकरण का असर और शहरीकरण का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा. भविष्य की जरूरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी. इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए. एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं. एक ऐसा अवसर जिससे हम जिंदगी को आसान बना सकते हैं. सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है."

पीएम मोदी ने कहा, "साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स ऑपरेशनल थीं. आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज्यादा है. वर्ष 2025 तक हम इसका विस्तार 1700 किलोमीटर तक करने का प्रयास कर रहे हैं. 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्‍यादा शहरों तक विस्‍तार देने वाले हैं."

पीएम के मुताबिक, "ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं. ये करोड़ों भारतीयों के जीवन में आ रही ईज ऑ‍फ लिविंग के प्रमाण हैं. ये सिर्फ ईंट पत्थर, कंक्रीट और लोहे से बने इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं, बल्कि देश के नागरिकों, देश के मिडिल क्लास की आकांक्षा पूरा होने के साक्ष्य हैं."

अपनी सरकार की नीतियों की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "हमारी सरकार ने मेट्रो पॉलिसी बनाई और उसे चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया. हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने जोर दिया मेक इन इंडिया विस्तार पर, हमने जोर दिया आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर. हमने ध्यान दिया कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरूरतों और वहां की प्रोफेशनल लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए. यही वजह है कि अलग-अलग शहरो में अलग-अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है."

मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए पीएम ने कहा, "मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है. मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है. रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गई है. आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं. दर्जनों कंपनियां मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं. इससे मेक इन इंडिया के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है."

कॉमन मोबिलिटी कार्ड का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है. राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है. आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको इंटीग्रेटेड एक्‍सेस देगा."

आपको बता दें कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, वन नेशन वन कार्ड वाला एटीएम है. इस एक कार्ड से उपभोक्ता कई सुविधाओं का लाभ उठा सकता है. सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इस कार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान उपभोक्ता को अलग-अलग कार्ड रखने की परेशानी पूरी तरह से राहत मिल जाएगी. उपभोक्ता इस कॉन्टैक्टलेस एटीएम कार्ड की सहायता से पब्लिक ट्रांसपार्ट, मेट्रो, रिचार्ज, शॉपिंग जैसे कई तरह के कार्यों में सिर्फ एक कार्ड से ही भुगतान कर सकेंगे.

पीएम मोदी के मुताबिक, "आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है. वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं."

पीएम ने कहा, "वन नेशन, वन फास्‍टटैग से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है. वन नेशन, वन टैक्स यानी जीएसटी से देश भर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है. वन नेशन, वन पावर ग्रिड से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है. बिजली का नुकसान कम हुआ है. वन नेशन, वन गैस ग्रिड से, उन हिस्सों की सीमलेस गैस कनेक्‍टिविटी सुनिश्चित हो रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था. वन नेशन, वन हेल्थ एश्योरेंस स्कीम यानी आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं."

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा, "वन नेशन, वन राशनकार्ड से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है. इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है."

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शरीक हुए. गौरतलब है कि दिल्‍ली मेट्रो ने 25 दिसंबर 2002 से कॉमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत की थी. इससे ठीक एक दिन पहले तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डीएमआरसी के पहले स्‍ट्रेच का उद्घाटन किया था. इस 8.2 किलोमीटर तक के स्‍ट्रेच में शहादरा से तीस हजारी के बीच कुल 6 स्‍टेशन शामिल थे.

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