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Covid-19 के खिलाफ पीएम मोदी का जन आंदोलन, कहा- न बरतें ढिलाई

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 08 Oct, 2020 11:20 am

नए कोरोना वायरस से फैली महामारी के दौरान क्या उचित बर्ताव हो, ये बताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जन आंदोलन की शुरुआत की है. उन्‍होंने अपने ट्विटर संदेश के जरिए इस जन आंदोलन की शुरुआत की. सरकार ने इस जन आंदोलन की शुरुआत इसलिए की है कि आने वाले समय में देश में त्‍योहारों का सीज़न शुरू हो रहा है. इसकी शुरुआत नवरात्र से होगी. इसके बाद दुर्गा पूजा, विजयदशमी और दीवाली और छठ जैसे पर्वों का सिलसिला शुरू होगा. इस दौरान लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना वायरस का प्रकोप तेज़ी से फैलने का अंदेशा है. 

सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया के तहत तमाम सार्वजनिक स्थानों को खोलने की इजाज़त दे दी है. साथ ही जाड़ों के दौरान भी इस वायरस का प्रकोप तेज़ी से फैलने की आशंका विशेषज्ञ जता चुके हैं. इसे देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर संदेश के जरिए कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों को अच्छे बर्ताव करने की अपील की है. 

इस अभियान का मक़सद लोगों को जन आंदोलन के ज़रिए ख़ुद को भागीदार बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे कम लागत में अधिक से अधिक लोगों तक सरकार का संदेश पहुंच सके.

अभियान के तहत लोगों को समझाया जाएगा कि वो मास्क ज़रूर पहनें, लोगों से दूरी बना कर चलें और हाथों को नियमित रूप से साफ़ करते रहें. 

इस जन आंदोलन से जुड़ने वाले हर व्यक्ति को कोविड-19 की शपथ दिलाई जाएगी. इसके अलावा केंद्र सरकार के तमाम मंत्रालयों और विभागों द्वारा भी सघन एक्शन प्लान पर अमल किया जाएगा. इसमें केंद्र के अलावा राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की सरकारों को भी भागीदार बनाया जाएगा. 

एक्शन प्लान के तहत 
- जिन इलाक़ों में कोविड-19 के केस ज़्यादा हैं, वहां पर सघन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.
 
- हर तरह के मीडिया के ज़रिए पूरे देश में लोगों को जागरूक किया जाएगा.
 
- सार्वजनिक ठिकानों पर बैनर और पोस्टर लगाए जाएंगे

- स्वास्थ्य और सुरक्षा कर्मियों व सफ़ाई कर्मियों जैसे कोविड-19 के फ्रंटलाइन वर्कर्स को शामिल करके सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंच बनाई जाएगी.

- सरकारी दफ़्तरों और अन्य इमारतों पर होर्डिंग, पेंटिंग और इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले के ज़रिए भी लोगों को सतर्क किया जाएगा.

- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रभावशाली लोगों की मदद से लोगों को कोरोना वायरस के ख़तरों के प्रति आगाह किया जाएगा.

- लोगों को लगातार जागरूक करने के लिए मोबाइल वैन चलाई जाएंगी.

- ऑडियो संदेश, पैम्फलेट, ब्रोशर से भी जनता को सतर्क किया जाएगा.

- स्थानीय केबल ऑपरेटर्स के ज़रिए कोविड-19 के प्रति जागरूकता का संदेश देने की कोशिश होगी.

- मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म के बीच आपसी सहयोग बढ़ाकर, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश होगी.

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 68 लाख हो चुकी है. जबकि इस महामारी से एक लाख पांच हज़ार लोगों की जान जा चुकी है. भारत के लिए राहत की बात यही है कि यहां रिकवरी रेट 85 प्रतिशत से अधिक है. यानी कुल संक्रमित लोगों में से 85 प्रतिशत से ज़्यादा लोग ठीक हो रहे हैं. लेकिन, इससे ख़तरा टला नहीं है. 

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