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Vijay Diwas 2020: भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे, PM मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 16 Dec, 2020 12:29 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही उन्‍होंने नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) पर 'स्वर्णिम विजय मशाल' जलाई. नेशनल वॉर मेमोरियल की अखंड ज्वाला से प्रज्‍जवलित चार 'विक्ट्री मशाल' अब देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाई जाएंगी. इन स्‍थानों में युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र के विजेताओं के गांव भी शामिल हैं. आपको बता दें कि 1971 में भारत-पाकिस्‍तान के बीच हुए युद्ध के बाद ही पृथक बांग्‍लादेश का निर्माण हुआ था. भारत में इस दिन को विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है.

पीएम मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट भी किया और लिखा, "विजय दिवस पर हम सैन्‍य ताकतों की बहादुरी को याद करते हैं जिसके परिणाम स्‍वरूप 1971 के युद्ध में हमारे देश की निर्णायक जीत हुई थी. विजय दिवस के इस खास मौके पर मुझे नेशनल वॉर मेमोरियल में स्‍वर्णिम विजय मशाल जलाने का सौभाग्‍य भी प्राप्‍त हुआ."

वहीं, विजय दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'स्वर्णिम विजय वर्ष' के लोगो (Logo) का अनावरण किया. राजनाथ सिंह के ट्वीट के मुताबिक, "आज विजय दिवस के अवसर मैं भारतीय सेना के शौर्य एवं पराक्रम की परम्परा को नमन करता हूं. मैं स्मरण करता हूं उन जांबाज़ सैनिकों की बहादुरी को जिन्होंने 1971 के युद्ध में एक नई शौर्यगाथा लिखी. उनका त्याग और बलिदान सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. यह देश उन्हें हमेशा याद रखेगा."

गृह मंत्री अमित शाह ने भी विजय दिवस के मौके पर शहीदों के पराक्रम को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्‍होंने लिखा, "1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से मानवीय स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों की रक्षा करते हुए विश्व मानचित्र पर एक ऐतिहासिक बदलाव किया. इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित यह शौर्यगाथा हर भारतीय को गौरवान्वित करती रहेगी. विजय दिवस की शुभकामनाएं."

आपको बता दें कि 1971 में भारत-पाकिस्‍तान के बीच हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर 16 दिसंबर से भारत जश्न मनाएगा, जिसे 'स्वर्णिम विजय वर्ष' का नाम दिया गया है.

गौरतलब है कि दिसंबर 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर एक निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसके चलते एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ था. साथ ही यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी था. 

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