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UN की 75वीं सालगिरह पर विशेष अधिवेशन, PM मोदी करेंगे संबोधित

Suresh Kumar

नई दिल्‍ली 22 Sep, 2020 01:11 am

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर होने वाले इसके उच्च स्तरीय सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत के सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र के ये संबोधन बेहद विशेष होंगे. भारत हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया है. भारत का दो वर्षों का ये कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का हर साल होने वाला सेशन 21 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. विश्व भर में फैली कोविड-19 की महामारी के चलते, पीएम मोदी समेत विश्व के अधिकतर नेता महासभा की बैठक को वर्चुअल रूप से संबोधित करेंगे. UN की 75वीं सालगिरह पर हो रहे इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य इस सालाना सेशन में कई अहम वैश्वक मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, भारत की सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के बाद इस सत्र को संबोधित करने जा रहे हैं. अपने भाषण में पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर भारत के पक्ष को मज़बूती से रखेंगे. सोमवार को ही केंद्र सरकार ने देश की संसद को बताया था कि सुरक्षा परिषद के पांच में से चार स्थायी सदस्य भारत को इसका स्थायी सदस्य बनाने के दावे का समर्थन करते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी, 26 सितंबर को पहले से रिकॉर्ड किए गए भाषण के ज़रिए महासभा की बैठक को संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक मुद्दों पर परिचर्चा की शुरुआत 22 सितंबर से होगी. ये बैठक 29 सितंबर तक चलेगी.

भारत, संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य रहा है. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के बाद वर्ष 1945 में हुई थी. जब 50 देशों ने मिलकर 25 अप्रैल 1945 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुई मीटिंग में इस संगठन की स्थापना का एलान किया था. संयुक्त राष्ट्र का चार्टर 24 अक्टूबर 1945 को लागू हुआ था. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना दुनिया में शांति क़ायम करने और मानवीय सहायता के कार्यक्रम संचालित करने, दुनिया के स्थायी विकास और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का पालन कराने के लिए हुई थी. इस समय इसके 193 सदस्य हैं. इसके अलावा दो देशों को ऑब्ज़र्वर की मान्यता भी मिली हुई है. संयुक्त राष्ट्र का हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है. जबकि इसके अन्य प्रमुख दफ़्तर, जेनेवा, नैरोबी, वियना और द हेग शहरों में हैं.

UN के छह प्रमुख अंग हैं-संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, ट्रस्टीशिप काउंसिल और आर्थिक व सामाजिक परिषद (ECOSOC). इसके अलावा यूनेस्को (UNESCO), यूनिसेफ (UNICEF), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे संगठन भी इसी के दायरे में काम करते हैं.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव इसके प्रमुख होते हैं. इस समय एंटोनियो गुटेरस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव हैं. ये संगठन अपने सदस्य देशों से मिलने वाली आर्थिक मदद से चलता है.

संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग काफ़ी समय से हो रही है. भारत के अलावा जर्मनी, जापान और ब्राज़ील जैसे देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की परमानेंट मेम्बरशिप का दायरा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इस समय सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन. इन सभी के पास वीटो अधिकार होते हैं. इसके अलावा हर दो साल में दस देशों को सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनाया जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था. और इसमें सुधार करने की मांग उठाई थी.

इस बार ऐसा पहली बार होगा जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में किसी भी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या अन्य प्रतिनिधि सीधे तौर पर शामिल नहीं होंगे.

कोविड-19 महामारी के चलते इस बार संयुक्त राष्ट्र का ये विशेष सम्मेलन वर्चुअल हो रहा है. तमाम देशों के नेता अपने पहले से रिकॉर्डेड वीडियो भाषण के ज़रिए महासभा की बैठक को संबोधित करेंगे. जिसे, महासभा के विशाल हॉल की स्क्रीन पर प्ले किया जाएगा.

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