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संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करेंगे PM मोदी

TLB Desk

नई दिल्‍ली 26 Sep, 2020 09:27 am

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की ऐतिहासिक बैठक को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी का भाषण 26 सितंबर को भारतीय समय के अनुसार शाम क़रीब साढ़े छह बजे होगा. महासभा की ये बैठक संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है. पीएम मोदी का पहले से रिकॉर्डेड मैसेज महासभा के हॉल में प्ले किया जाएगा.

इस बार कोविड-19 महामारी के चलते कोई भी नेता प्रत्यक्ष रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल नहीं हो रहा है.

माना जा रहा है कि अपने भाषण में पीएम मोदी कई महत्वपूर्ण विषयों पर देश का पक्ष रखेंगे. वो कोरोना वायरस से लड़ने में भारत के योगदान का हवाला देते हुए, इस चुनौती से निपटने में तमाम देशों की एकजुटता की अपील कर सकते हैं. इसके अलावा, वर्चुअल सम्मेलन में पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भारत के योगदान की चर्चा करेंगे. साथ ही साथ पीएम मोदी द्वारा स्थायी विकास के लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) की पूर्ति की दिशा में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ज़िक्र कर सकते हैं. साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी पीएम मोदी अपनी राय रख सकते हैं.

भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग करता आ रहा है. और अपने लिए सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की भी मांग करता आया है. प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण में इस बात का फिर से ज़िक्र कर सकते हैं. इस साल भारत सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य भी चुना गया है. इसलिए पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र में भाषण और भी अहम हो गया है.

इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. वैश्विक मंच पर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपनी पुरानी हरकत दोहराने से बाज़ नहीं आए.

इमरान ख़ान ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर अवैध क़ब्ज़ा कर रखा है. जब इमरान ख़ान का भाषण चल रहा था, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में मौजूद भारत के प्रतिनिधि ने उनके भाषण का बहिष्कार किया.

पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान से पहले, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था. भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति को चेतावनी दी थी कि वो भारत के अंदरूनी मामले में दख़ल न दे, वरना दोनों देशों के संबंध ख़राब हो सकते हैं.

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