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आम आदमी की तरह गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने पहुंचे पीएम मोदी 

Babita Pant

नई दिल्‍ली 20 Dec, 2020 11:55 am

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की सुबह बिना लाव-लश्‍कर और सुरक्षा इंतजाम के दिल्‍ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने पहुंचे. इसके लिए ना कोई ट्रैफिक रोका गया और ना ही किसी तरीके की कोई व्‍यवस्‍था की गई. पीएम मोदी एक आम आदमी की तरह गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पहुंचे और मत्‍था टेका. देश में चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए इसे और महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है. ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने के बाद पीएम मोदी ने पंजाबी में ट्वीट किया.

पीएम मोदी ने अपने ट्वीटर संदेश में लिखा कि दुनियाभर के लाखों लोगों की तरह श्री गुरु तेग बहादुर जी के विचार और जीवन मुझे सदैव प्रेरित करते हैं. पीएम मोदी ने लिखा, 'आज सुबह मुझे ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने का सौभाग्य मिला, जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था. दुनियाभर के लाखों लोगों की तरह श्री गुरु तेग बहादुर जी के विचार और जीवन मुझे सदैव प्रेरित करते हैं.'  

एक अन्‍य ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा, ' गुरु साहिब की यह विशेष कृपा है कि हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हमें श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को मनाने का अवसर मिल रहा है. आइए, इस पावन मौके को ऐतिहासिक बनाएं और श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं.

पीएम मोदी ने  एक और ट्वीट किया जिसमें ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के अंदर की कुछ तस्‍वीरे थीं.

दिल्‍ली बॉर्डर पर जमा किसानों की बातों को लेकर पीएम मोदी कई बार अपनी बात रख चुके हैं. कई मंचों पर पीएम मोदी ने नई कृषि कानून को लेकर देश के किसानों की शंकाओं पर अपने विचार रखें और उनके साथ कुछ गलत नहीं होगा, इसका आश्‍वसन भी दिया. 

किसानों के बीच इस बात को फैलाया जा रहा है कि किसान मंडी समाप्‍त हो जाएगा. इसे लेकर पीएम मोदी ने साफ कहा कि यह झूठ है. मध्य प्रदेश में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है- APMC यानी हमारी मंडियों को लेकर. किसान पहले चाहकर भी अपनी फसल मंडी के अलावा कहीं और नहीं बेच सकता था. नए कानून के मुताबिक किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, यह उसकी मर्जी होगी.'

किसान सम्‍मेलन में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की कृषि, भारत का किसान अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता. दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वह सुविधा भारत के किसानों को भी मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती. जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वे अब हो रहे हैं.

किसान सम्‍मेलन में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं, इसका बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट. रिपोर्ट आई, लेकिन ये लोग सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे. हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाली और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया.'

पीएम मोदी ने कहा कि, 'देश हमारी नीयत में गंगाजल और मां नर्मदा के जल जैसी पवित्रता देख रहा है. हमारी सरकार ने जो कदम उठाए, वे पूरी तरह किसानों को समर्पित हैं. अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार बुआई से पहले MSP की घोषणा करती है.'

देश में चल रहे फार्मिंग एग्रीमेंट को किसान सम्‍मेलन में पीएम मोदी ने कहा था, 'हमारे देश में वर्षों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है. फार्मिंग एग्रीमेंट से जुड़े पहले जो भी तौर-तरीके चल रहे थे, उनमें किसानों के लिए बहुत जोखिम था. नए कानून में हमारी सरकार ने किसानों को सुरक्षा देने के लिए कानूनी प्रावधान किए हैं.'

पीएम मोदी अलग अलग मंचों से देश के किसानों को नई कृषि नीति से संबंधित शंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. कभी कृषि सम्‍मेलन में तो कभी किसी और मंच से पीएम मोदी किसानों को लगातार आश्‍वसन दे रहे हैं कि देश के किसानों के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा. बावजूद इसके नई कृषि नीति को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्‍ली बॉर्डर के चारों ओर देश के किसान आंदोलनरत हैं.

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