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''UN को सुधार लाने की सख़्त ज़रूरत, विश्व में भारत की बढ़ती भूमिका का सम्मान हो''

TLB Desk

नई दिल्‍ली 26 Sep, 2020 09:29 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की सख़्त ज़रूरत है. संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह पर महासभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, अब दुनिया बहुत बदल चुकी है और संयुक्त राष्ट्र को भी इस बदलते वैश्विक परिदृश्य के हिसाब से ख़ुद को ढालने की ज़रूरत है. 

पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सबसे बड़े अंग सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग को पुरज़ोर तरीक़े से रखा. उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में न सिर्फ़ दुनिया बदली है, बल्कि भारत भी बहुत बदल गया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. यहां दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी रहती है. भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां हैं. 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने सैकड़ों वर्षों तक दुनिया का नेतृत्व किया. और इसके बाद वो कई सदियों तक गुलामी का दंश झेलता रहा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में होने वाले हर बदलाव का असल दुनिया के एक बड़े हिस्से पर पड़ता है. ऐसे में भारत को विश्व निर्णय क्षमता में भागीदार बनने के लिए आख़िर कब तक इंतज़ार करना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने भारत की उपलब्धियां रखीं और कहा कि भारत ने कभी भी किसी देश के ख़िलाफ़ कोई गठबंधन नहीं बनाया. किसी अन्य देश की मदद में भी भारत कभी पीछे नहीं रहा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की बात लंबे समय से हो रही है. भारत की जनता लंबे समय से इसका इंतज़ार कर रही है. अब भारत के लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या संयुक्त राष्ट्र में सुधार की प्रक्रिया कभी किसी नतीजे पर पहुंचेगी, या नहीं?

पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया बदल चुकी है, तो संयुक्त राष्ट्र को भी अपनी प्रक्रियाओं और प्रतिक्रियाओं, स्वरूप और व्यवस्था में बदलाव करना होगा. क्योंकि यही समय की मांग है.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बताया कि पिछले छह वर्षों में भारत ने चालीस करोड़ लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा. भारत की सरकार जनता को डिजिटल ट्रांजैक्शन से जोड़कर उनका सशक्तिकरण कर रही है. इससे प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आ रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने जब कोरोना वायरस जैसी भयानक चुनौती का सामना करते हुए भी पूरी दुनिया की मदद करने से पीछे नहीं हटा. और महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए भारत ने आत्मनिर्भर अभियान शुरू किया है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था को भी फ़ायदा होगा.

पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने अब 15 करोड़ घरों तक पीने का पानी पाइप से पहुंचाने का अभियान शुरू किया है. इसके अलावा जनता के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए देश के छह लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना की भी शुरुआत की है.

पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह से उनकी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़े क़दम उठा रही है. उन्होंने बताया कि देश की माइक्रो फाइनेंस की योजनाओं का सबसे ज़्यादा लाभ महिलाएं ही ले रही हैं. भारत ही दुनिया का इकलौता देश है जहां कामकाजी महिलाओं को 26 हफ़्तों की पेड मैटरनिटी लीव का हक़ क़ानूनी तौर पर प्राप्त है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में पूरी दुनिया को एक परिवार मानने की परंपरा रही है. ये हमारी संस्कृति और सोच का अटूट अंग है. भारत हमेशा विश्व कल्याण को तरज़ीह देता आया है. ऐसे में अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत को और प्रभावी भूमिका मिले.

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