प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Scheme) की सातवीं किस्त के तौर पर योजना के एक साथ नौ करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के खाते में 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भेजने के कार्य का बटन दबा कर शुभारंभ किया. आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र में पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम किसान योजना की सातवीं किस्त जारी की गई है.
Working for the welfare of our hardworking farmers. #PMKisan https://t.co/sqBuBM1png
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2020
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि योजना के 9.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते में दो घंटे के भीतर 18,058 करोड़ रुपये पहुंच जाएंगे.
उन्होंने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ 4 लाख किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इससे पहले देश के 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई गई है. आपको बता दें कि पीएम किसान योजना का सालाना बजट लगभग 75,000 करोड़ रुपये है.
वहीं, इस दौरान पीएम ने ओडिशा के एक लाभार्थी से बातचीत करते हुए कहा, "यह अटल बिहारी सरकार की पहल थी जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को कम ब्याज दरों पर कर्ज मिल सके. आज उनके जन्मदिन पर हम पीएम किसान स्कीम की अगली किस्त जारी कर रहे हैं. सरकार के इन प्रयासों से किसानों को फसलों में विविधता लाने में मदद मिलेगी."
इससे पहले गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर कहा था कि वह पीएम किसान योजना की किस्त जारी करने के बाद किसानों से बातचीत करेंगे. उनके ट्वीट के मुताबिक, "कल का दिन देश के अन्नदाताओं के लिए बेहद अहम है. दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को पीएम-किसान की अगली किस्त जारी करने का सौभाग्य मिलेगा. इस अवसर पर कई राज्यों के किसान भाई-बहनों के साथ बातचीत भी करूंगा."
कल का दिन देश के अन्नदाताओं के लिए बेहद अहम है। दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को पीएम-किसान की अगली किस्त जारी करने का सौभाग्य मिलेगा। इस अवसर पर कई राज्यों के किसान भाई-बहनों के साथ बातचीत भी करूंगा। #PMKisan https://t.co/MFVWDc63Xa
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2020
पीएम ने किस्त जारी करते हुए कहा, "किसानों के जीवन मे खुशी, हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है. आज का दिवस तो बहुत ही पावन भी है. किसानों को आज जो सम्मान निधि मिली है, उसके साथ ही आज का दिन कई अवसरों का संगम बनकर भी आया है."
पीएम के मुताबिक, "आज मोक्षदा एकादशी है, गीता जयंती है. आज ही भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय जी की भी जयंती है. आज ही हमारे प्रेरणा पुरूष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की भी जन्म जयंती है. उनकी स्मृति में आज देश 'गुड गवर्नेंस डे' भी मना रहा है."
पीएम मोदी के मुताबिक, "आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं. जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं."
इस दौरान पीएम ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है."
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए पीएम ने कहा, "स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है. जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं."
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन में विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पीएम ने कहा, "मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओ. पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है. क्यों आप लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हो. किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा. ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी-बूटी खोज रहे हैं."
पीएम ने कहा, "ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहे. इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था. पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ."
अपनी सरकार की उपलब्ध्यिां गिनाते हुए पीएम ने कहा, "हमने देश के किसान की छोटी छोटी दिक्कतों, कृषि के आधुनिकीकरण और उसे भविष्य की ज़रूरतों के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया. हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले. हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया. पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई. इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं. इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं."
आपको बता दें कि पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बीजेपी ने कोई कमी नहीं छोड़ी थी. बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर बताया था कि किस तरह पीएम मोदी के भाषण को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. यही नहीं पार्टी ने किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश भर में 19 हजार केंद्रों का बंदोबस्त किया था.
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस समारोह में शिरकत की. वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और उन्य नेताओं को कार्यक्रम देखने का निर्देश दिया था. आपको बता दें कि पीएम किसान योजना की पहली किस्त पीएम मोदी ने 2019 में जारी की थी.
VIDEO: PM Modi ने 9 करोड़ किसानों के खाते में भेजे 18,000 करोड़ रुपये, जानिए भाषण की बड़ी बातें..
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