शाहीन बाग (Shaheen Bagh) की दादी के नाम से मशहूर 82 वर्षीय बिल्किस बानो (Bilkis Bano) को पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया. आपको बता दें कि बिल्किस बानो दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर चल रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची थीं और इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
इससे पहले किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए बिल्किस बानो ने कहा था, "हम किसानों की बेटियां हैं.... हम अपनी आवाज उठाएंगे, सरकार को हमें सुनना ही चाहिए."
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में एनआरसी-सीएए के खिलाफ बानो और दो अन्य दादियां विरोध का प्रमुख चेहरा बन गईं थीं. 11 साल पहले उनके पति की मौत हो चुकी है और फिलहाल वह अपनी बहू और पोते-पोतियों के साथ दिल्ली के शाहीन बाग में रहती हैं.
वहीं, सितंबर के महीने में संसद द्वार पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं. वे दिल्ली और उससे सटे इलाकों में प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मांग है कि केंद्र इन कानूनों को वापस ले.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों का मानना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर देंगे, जिससे वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे.
नए किसान कानून में सरकार ने जिस व्यवस्था को जोड़ा है. उसमें कारोबारी किसान से मंडी के बाहर अनाज खरीद सकता है. अभी तक मंडी में किसान से अनाज की खरीद पर व्यापारी को 6 से 7 प्रतिशत का टैक्स देना होता था. वहीं मंडी के बाहर अनाज की खरीद पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होगा. इससे आने वाले समय में मंडियां पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी और किसान सीधे तौर पर व्यापारियों के हवाले होगा. उसे उनकी फसल पर तय दाम से ज्यादा या कम भी मिल सकता है.
आपको बता दें कि किसान संसद द्वारा पारित कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून 2020 (The Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध कानून 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Act, 2020) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 (Essential Commodities (Amendment) Act 2020) का विरोध कर रहे हैं.
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