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कौन हैं 7 करोड़ का अवार्ड जीतने वाले प्राइमरी टीचर रणजीत सिंह?

Archit Gupta

नई दिल्ली 07 Dec, 2020 08:13 pm

महाराष्ट्र के रणजीत सिंह दिसाले को शिक्षा (Education) के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'ग्लोबल टीचर प्राइज' से सम्मानित किया गया है. देश के एक प्राइमरी स्कूल में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उसे तकनीक से जोड़ने की कोशिशों के चलते रणजीत को यह सम्मान दिया गया है. 32 साल के रणजीत सिंह दिसाले को 10 लाख डॉलर (लगभग 7 करोड़ 38 लाख रुपए) का पुरस्कार मिला है. ग्लोबल टीचर प्राइज जीतने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakre) ने रणजीत को बधाई दी है. वहीं, दिसाले का कहना है कि वो इनाम में पाई गई इस राशि का इस्तेमाल शिक्षा के सुधार में लगाएंगे. 

जितनी बड़ी राशि उसके पीछे उतनी ही कड़ी मेहनत
32 वर्षीय रणजीत सिंह दिसाले महाराष्ट्र के सोलापुर के निवासी हैं. रणजीत एक प्राथमिक शिक्षक हैं.विगत कई साल से वह शिक्षा के क्षेत्र में हैं. वह कल्याणकारी शिक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं. फिलहाल रणजीत सोलापुर के परितेवाडी में जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. रणजीत ने साल 2009 में सोलापुर के परितेवाडी गांव के प्राइमरी स्कूल से शिक्षा में बदलाव की शरुआत की. जब उन्होंने शुरुआत की थी तब स्कूल के नाम पर जो इमारत थी, वो बुरी हालत में थी. लोगों को अपने बच्चों और खासकर लड़कियों को पढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन रणजीत ने घर-घर जाकर उन बच्चों को इकट्ठा किया.

बच्चों के अभिभावकों को पढ़ाई के लिए तैयार करना आसान काम नहीं था. इसके साथ ही एक और समस्या थी कि लगभग सारी किताबें अंग्रेजी में थीं. दिसाले ने तब एक-एक करके किताबों का मातृभाषा में अनुवाद किया, बल्कि उसमें तकनीक भी जोड़ दी. रणजीत ने किताबों में QR कोड जोड़ दिया ताकि छात्र जब चाहें तब वीडियो लेक्चर अटेंड कर सकें. रणजीत की इस पहल के बाद गांव और उसके आस-पास के इलाकों में काफी बदलाव देखने को मिला. 

दिसाले रुके नहीं, उन्होंने साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार को ये प्रस्ताव दिया कि सिलेबस की सारी किताबें QR कोड से जोड़ दी जाए. इसके बाद दिसाले की ये बात पहले प्रायोगिक स्तर पर चली और फिर राज्य सरकार ने घोषणा की कि वह सभी श्रेणियों के लिए राज्य में क्यूआर कोड पाठ्यपुस्तकें शुरू करेगी. अब तो NCERT ने भी इसकी घोषणा कर दी है. 

दिसाले को उनकी कोशिशों के कारण दुनिया के सबसे अद्भुत टीचर का अवॉर्ड मिला है. 

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क्या है 'ग्लोबल टीचर प्राइज'?
ग्लोबल टीचर प्राइज (Global Teacher Prize)  युनेस्को और लंदन के वार्की फाउंडेशन की तरफ से दिया जाता है, जिसमें दुनिया भर से उन टीचर्स को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में खास योगदान दिया हो. रणजीत के अलावा 140 देशों से करीब 12000 शिक्षकों ने इस पुरस्कार के लिए नामांकन भरा था. जिसमें से ब्रिटेन के एक शिक्षक जेमी फ़्रॉस्ट को मुफ़्त में गणित की ट्यूशन के वेबसाइट चलाने के लिए स्पेशल कोविड हीरो का पुरस्कार दिया गया है.

VIDEO: कौन हैं प्राइमरी टीचर रणजीत सिंह, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाकर जीता 7 करोड़ का अवार्ड

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