प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांवों में भू-संपत्ति मालिकों को ‘स्वामित्व’ योजना यानी 'सर्वे ऑफ विलेजेज़ एंड मैपिंग विथ इंप्रूव्ड टेक्नोलॉजी विद विलेज एरियाज़' (Svamitva Scheme) के तहत प्रॉपर्टी कार्ड बांटने की योजना का शुभारंभ किया. ग्रामीण अब भू-संपत्ति का वित्तीय संपत्ति के तौर पर उपयोग कर सकेंगे. प्रॉपर्टी कार्ड योजना के तहत लगभग एक लाख भू-संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस से मिलने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे. इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें फिजिकल तौर पर संपत्ति कार्ड बांटेंगी.
A historic effort towards rural transformation. #SampatiSeSampanta https://t.co/VYNk6nTcg6
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2020
इस योजना से छह राज्यों के 763 गांवों को सीधे फायदा पहुंचेगा. इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं. महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र फिलहाल इस योजना में शामिल नहीं हैं. दरअसल महाराष्ट्र में संपत्ति कार्डों के लिये कुछ राशि लिये जाने की व्यवस्था है, इसलिए इसमें एक महीने का समय लगेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं. लेकिन घर होते हुए भी उन्हें अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में दिक्कतें आती थी. अब प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना सुनिश्चित हो जाएगा.' इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कई लाभार्थियों से भी बात की और कहा कि स्वामित्व योजना ने देश के गांव और गरीब लोगों को बड़ी ताकत दी है. पीएम ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत दिया गया दस्तावेज एक कानूनी कागज है. इस योजना से देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन आएगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में ये बड़ा कदम है. पीएम मोदी ने आश्वस्त किया है कि अगले 4 साल में हर गांव में इस तरह के प्रॉपर्टी के कागज देने का प्रयास किया जाएगा. इस योजना से गांवों में जमीन से जुड़े ज्यादातर विवाद खत्म हो जाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि वर्षों तक सत्ता में रहने वालों ने बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की, लेकिन गांव और ग्रामीणों के लिए किया कुछ भी नहीं. उन्हें ऐसे ही मुसीबत में छोड़ दिया. मैं ऐसा नहीं कर सकता, आपके आशीर्वाद से जितना बन पड़ेगा उतना आपके लिए, गांव, गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित के लिए प्रयास करता रहूंगा.
आपको बता दें 'सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विथ इंप्रूव्ड टेक्नोलॉजी विद विलेज एरियाज' यानी स्वामित्व योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस 24 अप्रैल 2020 को लॉन्च की गई थी. पंचायती राज मंत्रालय ही इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है जबकि ड्रोन्सा के जरिए प्रॉपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी है. ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन होगा. इसी की मदद से ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा.
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