दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. आपको बता दें कि ये लोग संसद के मानसून सत्र में पारित तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मिलने जा रहे थे.
नई दिल्ली के अतिरिक्त डीसीपी दीपक यादव ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे कुछ कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है और उनमें प्रियंका गांधी भी शामिल हैं. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत में लिए गए अन्य नेताओं की पहचान में अभी वक्त लगेगा.
इससे पहले आज सुबह 10:45 पर दिल्ली में विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक पार्टी सांसदों के साथ राहुल गांधी ने एक मार्च निकाला. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंपा. राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पर किसानों, खेत मजदूरों और अन्य हितधारकों के हस्ताक्षर शामिल हैं जो इन कानूनों का शुरू से ही विरोध कर रहे हैं.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, "मैंने राष्ट्रपति को बताया कि ये कानून किसान विरोधी हैं. देश देख चुका है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़े हो गए हैं."
राहुल के मुताबिक, "मैं पीएम को बताना चाहता हूं कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक ये किसान अपने घर लौटने वाले नहीं हैं. सरकार को संसद का संयक्त सत्र बुलाकर इन कानूनों को वापस लेना चाहिए. विपक्षी दल किसान और मजदूरों के साथ हैं."
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल की ओर से राष्ट्रपति के निजी सचिव को लिखी गई चिट्ठी के मुताबिक सिर्फ तीन नेताओं राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी को राष्ट्रपति कोविंद से मिलने की इजाजत दी गई है.
गौरतलब है कि किसान पिछले 29 दिनों से राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. किसानों के साथ कई दौर की वार्ता विफल रही है.
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