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राहुल गांधी का मोदी सरकार से सवाल- किसानों को लालकिले के अंदर किसने जाने दिया?

TLB Desk

नई दिल्ली 29 Jan, 2021 05:38 pm

26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापल लेना चाहिए. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसका सिर्फ एक ही समाधान है कि सरकार कानून को समाप्त करे. उन्होंने साफ-साफ बताया कि ये तीनों कृषि कानून कैसे किसानों को नुकसान पहुंचाएंगे.

उन्होंने कहा कि कृषि कानून के तीन बड़े नुकसान- पहला, यह बाज़ार प्रणाली और मंडी सिस्टम को खत्म कर देगा. दूसरा, इसके चलते देश के 3-4 बड़े बिजनेसमैन जितना चाहे अनाज स्टोर कर सकेंगे, जिससे किसान प्रभावित होंगे. तीसरा, ये कानून किसानों को कोर्ट का रास्ता अख्तियार करने का हक नहीं देता. इसलिए किसान दिल्ली की सीमा पर हैं, लेकिन सरकार उन्हें मार रही है. किसानों को मारकर सरकार देश को कमजोर कर रही है.

राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि 50 किसानों को लालकिले के अंदर किसने जाने दिया. क्या इसे रोकना गृहमंत्रालय का काम नहीं है. होम मिनिस्टर से पूछिए इसके पीछे क्या आइडिया था. प्रधानमंत्री पांच बिजनेस मैन के लिए काम करते है. नोटबंदी उनके लिए लाए, जीएसटी उनके लिए लाए, किसान कानून उनके लिए लाए. किसानों को पीछे हटने की जरूरत नहीं, हम उनकी पूरी मदद करेंगे. डटे रहें. पीएम मोदी को ये नहीं समझना चाहिए कि ये सब खत्म हो जाएगा. 

उन्होंने आगे कहा कि इस कानून की वजह से उपजा विरोध शहरों तक जाएगा. इससे सिर्फ ग्रामीण इलाके के युवा ही नहीं प्रभावित हो रहे हैं बल्कि शहर के युवा भी प्रभावित होंगे और यह आंदोलन बड़े स्तर पर फैलेगा. वो पीएम मोदी से अपील करते हैं कि मामले की गंभीरता को समझें और कानूनों को वापस लें. सच तो यह है कि हर किसान के घर में चोर घुस रहा है और मोदी जी उसमें मदद कर रहे हैं. सच यह है कि पांच से सात लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास है.

आज सुबह राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, ''PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं. फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा.

इससे पहले गुरुवार की रात को उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ''एक साइड चुनने का समय है. मेरा फ़ैसला साफ़ है. मैं लोकतंत्र के साथ हूँ, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूँ.''

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