भारी बारिश और बाढ़ के क़हर से देश के कई हिस्सों में स्थिति भयावह बनी हुई है. मध्यप्रदेश, ओडिशा और बिहार में कई जगहों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित है. हालांकि, असम और बिहार के कुछ इलाकों की स्थिति अब हालात सामान्य होते जा रही है लेकिन देश के नए इलाकों, जैसे महाराष्ट्र से भी अब बाढ़ की तबाही की ख़बरें आने लगी हैं.
देश के कई हिस्सों में मानसूनी बरसात कहर बरपा रही है, मध्यप्रदेश, ओडिशा और बिहार में कई जगहों पर सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है. मध्यप्रदेश में बाढ़ से कई हजार लोग प्रभावित हुए है. राज्य के 9 जिलों में 394 से ज्यादा गांवों में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई हुई है. अब तक करीब सात हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारतीय वायु सेना के जवानों ने भी कई इलकों में बाढ़ से घिरे लोगों को हेलीकॉप्टर की सहायता से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
#SavingLives
— Indian Air Force (@IAF_MCC) August 30, 2020
आज सुबह भारतीय वायु सेना ने उफनती वैनगंगा नदी के तट पर बसे बालाघाट, मध्यप्रदेश के मोवाड़ गांव के निकट २ युवकों और एक बूढ़े व्यक्ति को बाढ़ के पानी में डूबे उनके घरों से निकालने के लिए एक Mi17V5 हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान शुरू किया।@SpokespersonMoD#IndianAirForce pic.twitter.com/K0wRgM0BRn
बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई है. छिंदवाड़ा में बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. हालांकि मौसम खराब होने की वजह से बाढ़ पीडि़तों को मदद में कुछ दिक्कतें आ रही है.
प्रदेश के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों से बचाव, साफ-सफाई और बेहतर पुनर्वास कार्यो पर संबंधित विभागों के मंत्रियों एवं अधिकारियों से वीसी के माध्यम से चर्चा की। रात भर हमारी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और… https://t.co/PVp5bXpcPX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 30, 2020
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव सहायता पहुंचाने का आदेश दिया है.
इंस्टाग्राम पर सीएम शिवराज सिंह ने बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य के विषय में विस्तार से लिखा है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ''प्रदेश के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों से बचाव, साफ-सफाई और बेहतर पुनर्वास कार्यो पर संबंधित विभागों के मंत्रियों एवं अधिकारियों से वीसी के माध्यम से चर्चा की. रात भर हमारी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और प्रशासन की टीम बचाव कार्य में लगी रही। रात में मैंने स्वयं कई ग्रामीण बंधुओं से बात कर उनको ढांढस बंधाने का काम किया.
एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना के सहयोग से हम 11 हजार लोगों को बचाने में सफल रहे हैं. इन सभी को 170 राहत शिविरों में ठहराया गया है. राहत एवं बचाव कार्य में जुटे सभी टीमों के सदस्यों, जवानों, स्वयंसेवी संगठनों और युवाओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.
अभी कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करें, क्योंकि अभी भी कई क्षेत्रों में पानी बढ़ा हुआ है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से कहीं से भी मदद मांगी जाये, तो तत्काल उन्हें मदद पहुंचाई जाये. बाढ़ के कारण सभी पेय जल के स्रोत प्रदूषित हो गये हैं. शुद्ध पेयजल मुहैया कराना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है. शुद्ध पेयजल का सबसे पहले इंतजाम करना होगा.
काफी अनाज सड़ गया है, कच्चे मकान गिर गये हैं और फसलें खराब हो गईं. हमें सबको राहत देना है. पुनर्वास का बेहतर इंतजाम करना है. क्षति का आंकलन कर हम किसानों को राहत भी देंगे. मेरे प्रदेश के भाई-बहनों, आप जरा भी चिंता न करें. आपके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जायेगी. आपके नुकसान की भरपाई के लिए उचित प्रयास किये जायेंगे. आपके जीवन को पुन: पटरी पर लाकर ही हम चैन की सांस लेंगे.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से बात कर राज्य में बाढ़ एवं बारिश के हालत की जानकारी ट्वीटर पर दी थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ''मैंने आज प्रात: काल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से चर्चा कर पूरी स्थिति की जानकारी दी है. उनका स्नेहपूर्ण समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद मिल रहा है."
आज मध्यप्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 30, 2020
सभी नागरिक धैर्य रखें और सावधानी बरतें। बहुत जल्द हालात सामान्य होंगे। मैं लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों की मॉनिटरिंग कर रहा हूँ। प्रशासन पूरी तत्परता व सजगता के साथ फँसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने में लगा है। pic.twitter.com/SolivRxc4r
वहीं ओडिशा में भी कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं. जयपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है. बारी ब्लॉक में हालात बहुत खराब हैं. सुवर्णरेखा, बुधाबंलंगा और बैतरणी नदी में पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है, हिराकुंड बांध के 46 गेट खोलकर बाढ़ का पानी निकाला जा रहा है. प्रभावित उलाकों में प्रशासन राहत पहुंचा रहा है.
महाराष्ट्र के नागपुर के ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. माहुली गांव में एक पुल बाढ़ में बह गया. इलाके में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी है, पुणे से चार एनडीआरएफ की टीम और भेजी गई हैं. असम और बिहार में पहले से अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं, प्रभावित इलाकों में केन्द्र और राज्य के राहत और बचाव दल पीड़ितों को लगातार मदद पहुंचा रहे हैं.
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