मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. यह बैठक भर्तियों में देरी न किए जाने के मद्देनजर की गई थी. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं, राज्य सेवाओं एवं अधीनस्थ सेवाओं के भर्ती कैलेंडर के अनुसार समय से भर्ति प्रक्रिया पूरी की जाए. उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग की तरह ही समय पर भर्ती विज्ञापन निकलें, नियमित परीक्षा हो और साक्षात्कार भी समय पर हों ताकि भर्तियां ज्यादा लंबित नहीं रहें. बैठक के अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी इस बाबत एक के बाद एक कई ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "जहां तक संभव हो भर्ती का विज्ञापन निकालने से पहले ही संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि उस परीक्षा की तिथि पर कोई अन्य परीक्षा पहले से ही निर्धारित न हो, जिससे परीक्षा स्थगित करने की नौबत न आए. यह प्रयास हो कि एक बार भर्ती विज्ञापन निकालने के बाद उसमें बार-बार संशोधन न करना पड़े."
जहां तक संभव हो भर्ती का विज्ञापन निकालने से पहले ही संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि उस परीक्षा की तिथि पर कोई अन्य परीक्षा पहले से ही निर्धारित न हो जिससे परीक्षा स्थगित करने की नौबत न आए। यह प्रयास हो कि एक बार भर्ती विज्ञापन निकालने के बाद उसमें बार-बार संशोधन न करना पड़े।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 19, 2020
मुख्यमंत्री के ट्वीट के मुताबिक, "सेवा नियमों की अड़चनों के कारण कई बार भर्तियां अटकती हैं. ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर सेवा नियमों में संशोधन किया जाए."
सेवा नियमों की अड़चनों के कारण कई बार भर्तियां अटकती हैं। ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर सेवा नियमों में संशोधन किया जाए।
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भर्तियों के कोर्ट में अटकने को लेकर भी गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा, "और संबंधित विभाग राज्य के महाधिवक्ता एवं अतिरिक्त महाधिवक्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर न्यायालयों में अपना पक्ष मजबूती से रखें. भर्तियों के कोर्ट में अटकने के कारण कई बार अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है."
और संबंधित विभाग राज्य के महाधिवक्ता एवं अतिरिक्त महाधिवक्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर न्यायालयों में अपना पक्ष मजबूती से रखें। भर्तियों के कोर्ट में अटकने के कारण कई बार अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
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इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कोर्ट द्वारा 6 हजार भर्तियों पर हटाए गए स्थगन आदेश पर खुशी जताई. इस पर उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "न्यायिक निर्णयों के कारण लंबित भर्तियों के संदर्भ में पिछले चार माह में हुई प्रगति एवं करीब 6 हजार भर्तियों पर स्थगन आदेश हटना एवं भर्तियां पूरी होना संतोषजनक है. शेष जो भर्तियां न्यायिक प्रक्रिया के कारण लंबित हैं उनमें प्रभावी रूप से पैरवी की जाए."
न्यायिक निर्णयों के कारण लंबित भर्तियों के संदर्भ में पिछले चार माह में हुई प्रगति एवं करीब 6 हजार भर्तियों पर स्थगन आदेश हटना एवं भर्तियां पूरी होना संतोषजनक है।
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शेष जो भर्तियां न्यायिक प्रक्रिया के कारण लंबित हैं उनमें प्रभावी रूप से पैरवी की जाए
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सीएम गहलोत ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बार-बार अवसर देने के बजाए एक बार में ही कट-ऑफ डेट तय की जानी चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, "दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार अवसर देने के बजाए कट-ऑफ डेट एक बार ही तय कर दी जाए. चयनित अभ्यर्थियों का परिवीक्षा काल पूरा करने के बाद स्थायीकरण समय पर हो यह सुनिश्चित किया जाए. रीट की परीक्षा भी समय पर आयोजित कराने के निर्देश दिए."
दस्तावेज सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार अवसर देने के बजाए कट-ऑफ डेट एक बार ही तय कर दी जाए। चयनित अभ्यर्थियों का परिवीक्षा काल पूरा करने के बाद स्थायीकरण समय पर हो यह सुनिश्चित किया जाए।
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रीट की परीक्षा भी समय पर आयोजित कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यपान भी समय से होना चाहिए और इसमें देरी नहीं करनी चाहिए. उनके ट्वीट के मुताबिक, "चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य तय समय में हो. आरपीएससी एवं अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड विज्ञापन के माध्यम से अभ्यर्थियों को इस संबंध में सूचना दें एवं इसके लिए एक समयावधि तय कर दी जाए."
चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य तय समय में हो। आरपीएससी एवं अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड विज्ञापन के माध्यम से अभ्यर्थियों को इस संबंध में सूचना दें एवं इसके लिए एक समयावधि तय कर दी जाए।
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आपको बता दें कि राजस्थान में पिछले कई समय से सरकारी भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते सरकार को आलेाचनाओं का सामना करना पड़ा था.
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