बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस के अपने राज्य राजस्थान में युवा वैकेंसी, रिजल्ट और नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं. राजस्थान में व्यवसायिक शिक्षकों का हाल ही देख लीजिए. राज्य में 905 विद्यालयों के 1,810 व्यवसायिक शिक्षकों का 6-22 महीने तक का वेतन बकाया है. साथ ही सरकार ने 30 अप्रैल 2020 को शिक्षकों का कार्यकाल समाप्त कर दिया, जिसके कारण अब सभी शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं.
व्यवसायिक शिक्षकों ने Career16Plus से बातचीत में कहा, ''मोदी जी के स्किल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान के 905 राजकीय स्कूल में 1810 व्यावसायिक शिक्षक संविदा पर कार्यरत है, जिनका 6 से 22 माह का वेतन बकाया है. कांग्रेस जब से सत्ता में आयी है तब से वेतन के लिए परेशान कर रखा है और साथ ही 30 अप्रैल 2020 को शिक्षकों का कार्यकाल समाप्त कर दिया. व्यावसायिक शिक्षकों को इस कोरोना काल मे 5 माह से बेरोजगार कर दिया. इस महामारी में 5 से 12 माह का बकाया वेतन और नौकरी से बेदखल हुआ व्यवसायिक शिक्षक लाचार और मजबूर है जिनकी सुध राजस्थान सरकार नहीं ले रही है.''
एक शिक्षक कमलेश कुमार रेगर कहते हैं, ''वर्ष 2020-21 में MHRD PAB द्वारा राजस्थान के वोकेशनल ट्रेनर का मानदेय संशोधित कर 25000 रुपए प्रति माह किया जाए. आत्म निर्भर भारत हेतु यह आवश्यक है कि स्कूली व्यावसायिक शिक्षा को प्रोत्साहन मिले इसके आधार स्तम्भ बैक बोन व्यावसायिक प्रशिक्षकों/ शिक्षकों को जॉब सिक्योरिटी मिले उनका शोषण रुके समय पर मानदेय मिले सुनिश्चित किया जाए.''
कई धरने प्रदर्शन के बाद भी सोता रहा प्रशासन
व्यावसायिक शिक्षकों ने पिछले साल अगस्त और सितंबर में कई बार धरना प्रदर्शन किया, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी. शिक्षकों ने 4 से 7 अगस्त तक शिक्षा संकुल में दिन रात धरना दिया. इसके बाद 22 गोदाम सर्किल विधानसभा के पास धरना दिया. इसके अलावा शिक्षकों ने जयपुर कलेक्टोरेट में लगातार जुलाई से सितंबर तक लगातार 57 दिन धरना रहा फिर सितंबर में नियुक्ति आदेश दिए गए लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं मिली.
राजस्थान में व्यवसायिक शिक्षकों को 6-22 महीने का वेतन नहीं दिया गया और अब उन्हें बेरोज़गार भी बना दिया गया है. पिछले साल शिक्षकों ने जयपुर में कई बार धरना दिया, लेकिन सरकार से वेतन और नियुक्ति की जगह सिर्फ़ आश्वासन ही मिला है.
— Archit Gupta (@Architguptajii) September 24, 2020
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वेतन और नियुक्ति के नाम पर बस आश्वासन देते रहे शिक्षा मंत्री
उम्मीदवारों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की. उन्होंने हर बार आश्वासन दिया लेकिन शिक्षकों को न ही बकाया वेतन मिला और न ही नियुक्ति. हाल ही में शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से वादा किया था कि वे जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. इसके संबंध में राजस्थान सरकार के जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट भी किया था. जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट कर लिखा था, '' शिक्षा राज्य मंत्री ने ली विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक, वोकेशनल एजूकेशन पर गंभीर होकर करें अधिकारी कार्य, विभागीय योजनाओं का सभी स्तरों पर हो प्रभावी क्रियान्वयन - शिक्षा राज्य मंत्री.''
हालांकि शिक्षा मंत्री की बातों का अधिकारियों पर कोई असर नहीं दिखा और आज तक शिक्षक वेतन और नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं.
विभागों द्वारा नहीं बल्कि प्लेसमेंट एजेंसी के तहत हुई थी शिक्षकों की भर्ती
मोदी जी के स्किल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत हर राज्य में व्यवसायिक शिक्षकों की भर्ती विभागों द्वारा की जाती है, मगर राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने विभागों द्वारा नहीं बल्कि प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए व्यवसायिक शिक्षकों की नियुक्ति की थी. अब इन शिक्षकों की पुन: नियुक्ति के लिए टेंडर निकाला गया है. राजस्थान में कुल 12 ट्रेड है जिनके लिए व्यवसायिक शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है.
व्यावसायिक शिक्षक केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिख चुके हैं पत्र
वैसे तो मामला राजस्थान सरकार का है लेकिन स्किल इंडिया प्रोग्राम केंद्र सरकार का है, इसीलिए व्यावसायिक शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिख उनकी समस्याओं पर ध्यान देने का अनुरोध किया. लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री से भी कोई मदद नहीं मिली.
व्यावसायिक शिक्षक धरना प्रदर्शन से लेकर ट्विटर पर आंदोलन तक कर चुके हैं, मगर सरकार इनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. शिक्षकों की मांग है कि उन्हें पुनः नियुक्ति और उनका बकाया वेतन मिले.
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