पिछले साल (BJP) भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) पर यौन शोषण (Sexual Harresment) का आरोप लगा था. आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय महिला शाहजहांपुर में कानून की छात्रा हैं जो मंगलवार को हुई विशेष एमपी- एमएलए अदालत में सुनवाई के दौरान अपने बयान से पलट गई है.
दरअसल, छात्रा विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान वहां मौजूद तो थी लेकिन बयान में स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों के विपरीत उसने पूर्व मंत्री पर कोई इल्जाम नहीं लगाया. लॉ छात्रा के आरोपों से मुकरने के बाद अचंभित अभियोजन पक्ष (Prosecution) ने छात्रा के खिलाफ पक्षद्रोही या बयान बदलने पर धारा 340 के तहत मुक़दमे की अर्ज़ी दाख़िल की है. कोर्ट ने भी इस अर्ज़ी को स्वीकार करते हुए छात्रा को नोटिस भेज जवाब देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी.
बता दें कि पिछले साल 24 अगस्त 2019 को इस छात्रा ने फेसबुक पर वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था. वीडियो वायरल हो जाने के बाद छात्रा रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. फिर छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने SIT भी गठित की थी. इसी मामले में 20 सितंबर 2019 में चिन्मयानंद की गिरफ़्तारी हुई. चिन्मयानंद लगभग पांच महीने जेल में रहने के बाद फरवरी 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर आये. मालूम हो कि चिन्मयानंद का यह मामला काफी चर्चा में भी रहा था.
बहरहाल पूरे एक साल बाद विशेष एमपी-एमएलए अदालत में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता के अपने बयान से पलट जाने से बलात्कार के आरोपी पूर्व सांसद चिन्मयानंद को बड़ी राहत मिली है.
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