भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रोट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट (Repo Rate) 4 फीसदी पर स्थिर रखने की घोषणा की. वहीं, रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर ही रखा गया है. साथ ही MSF और बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25 फीसदी है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी (MPC) की बैठक मैं लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि देश की आर्थिक विकास की संभावनाओं में काफी सुधार हुआ है और महंगाई दर 6 फीसदी के नीचे आई है. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई दर 4 फीसदी के बैंड के नीचे लौट चुकी है. उन्होंने कहा कि 2020 में हमारे सामर्थ्य की परीक्षा हुई और 2021 में नए आर्थिक युग का निर्माण हो रहा है.
आरबीआई गवर्नर ने 2021-22 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. आपको बता दें कि आर्थिक सर्वे में इसे 11 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं इस वित्त वर्ष GDP में 7.7% गिरावट का अनुमान जताया गया है.
गौरतलब है कि RBIकी मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने पिछली तीन बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. मौजूदा समय में रेपो रेट 4 फीसदी है, जो 15 सालों में सबसे कम है. वहीं, इस समय रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है.
आपको बता दें कि रेपो रेट वो रेट है जिस पर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं. बैंक इस लोन पर आरबीआई को जिस दर पर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है. वहीं, देश के बैंक अपने पास जमा रकम को भारतीय रिजर्व बैंक में रख देते हैं. इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है. RBI इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट (Reverse repo Rate) कहते हैं.
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