कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के कई पुलिसवालों के साथ क़रीबी संबंध थे और जब पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई थी, तो उसे इस बात की जानकारी पहले ही मिल गई थी. ये बात, मामले की जांच के लिए बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की तफ़्तीश में सामने आई है. कानपुर कांड की जांच के लिए बनी SIT ने पाया है कि 50 पुलिसवालों के विकास दुबे से क़रीबी संबंध थे और वो उसकी लगातार मदद करते रहे थे. उन्होंने ही विकास के घर पर दबिश की जानकारी उसे पहले से ही दे दी थी. अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में पचास पुलिस कर्मियों समेत कुल 80 लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है.
Three-member SIT formed to probe ambush of policemen in Kanpur points to nexus between police and slain gangster Vikas Dubey, recommends action against 80 police personnel: senior officer
— Press Trust of India (@PTI_News) November 5, 2020
SIT ने अपनी क़रीब 3200 पन्नों की रिपोर्ट के 700 पन्नों में तो केवल गैंगस्टर विकास दुबे और पुलिसवालों के बीच संबंधों के बारे में ही लिखा है. यूपी सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने जिन 50 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है, उन सभी को नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया जाएगा.
SIT ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से बताया है कि कैसे विकास दुबे को अपने ख़िलाफ़ कार्रवाई की भनक पहले ही मिल जाती थी. कई पुलिस थानों के कर्मचारी विकास दुबे से लगातार संपर्क में रहते थे. उन्हें विकास दुबे नियमित रूप से पैसे देता था और वो इसके बदले में विकास दुबे को पुलिस एक्शन की एडवांस जानकारी दे देते थे.
3 जुलाई को जब पुलिस की टीम, विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर गई थी तब भी, उसे इस बात की ख़बर पहले ही हो गई थी. उसके बाद विकास दुबे ने अपने आदमियों को निर्देश दिया था कि कोई भी पुलिसवाला यहां से ज़िंदा वापस नहीं जाना चाहिए.
उस घटना में DSP देवेंद्र मिश्रा समेत 8 लोगों को विकास दुबे के गैंग ने कानपुर के चौबेपुर इलाक़े में गोलियों से भून डाला था. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले की जांच के लिए 100 लोगों के ख़िलाफ़ तफ़्तीश की थी और लगभग सभी का ताल्लुक़ विकास दुबे से पाया गया था. इनमें कानपुर के कारोबारियों से लेकर दूसरे ज़िलों में तैनात पुलिसवाले तक शामिल थे.
यूपी पुलिस की एक टीम ने कानपुर के बाहर एक एनकाउंटर में विकास दुबे को मार गिराया था. पुलिस की टीम विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. पुलिस का दावा है कि विकास दुबे ने उनकी गिरफ़्त से भागने की कोशिश की थी. हालांकि, विकास दुबे ने ख़ुद ही उज्जैन में अपने आप को एमपी पुलिस के हवाले कर दिया था.
Leave Your Comment