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‘Vocal for Local’ का संकल्प याद रखें, स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें: पीएम मोदी

TLB Desk

नई दिल्‍ली 25 Oct, 2020 04:39 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में देश वासियों से कहा, कोरोना के इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है. उन्‍होंने देश वासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए, जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है. पीएम मोदी ने कहा कि पहले, दुर्गा पंडाल में, मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी - एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नही हो पाया. पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप भी अलग ही है. रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियां लगी हैं. पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ़ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं. अभी, आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं. अभी, ईद है, शरद पूर्णिमा है, वाल्मीकि जयंती है, फिर, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा है, गुरु नानक देव जी की जयंती है - इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है. 

पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो ‘Vocal for Local’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें. बाजार से सामान खरीदते समय, स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें. 

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने Lockdown की चर्चा की और कहा कि Lockdown में हमने, समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है, जिनके बिना, हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल हो जाता - सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई-बहन, Local सब्जी वाले, दूध वाले, Security Guards, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने अब भली-भांति महसूस किया है. कठिन समय में, ये आपके साथ थे, हम सबके साथ थे. अब, अपने पर्वों में, अपनी खुशियों में भी, हमें इनको साथ रखना है. पीएम मोदी ने इन्हें अपनी खुशियों में शामिल करने की अपील की.

पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में देश के जाबाज़ सैनिकों को याद किया और कहा कि हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं. उन्‍होंने देश के लोगों से अपील की कि अपने घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाएं.    

पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में खादी का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें ग्‍लोबल होने की बहुत बड़ी शक्ति है. उन्‍होंने कहा कि हम Local के लिए Vocal हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे local products की fan हो रही है. हमारे कई local products में global होने की बहुत बड़ी शक्ति है. जैसे एक उदाहरण है -खादी का. लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन, हमारी खादी आज, Eco- friendly fabric के रूप में जानी जा रही है. स्वास्थ्य की दृष्टि से ये body friendly fabric है, all weather fabric है और आज खादी fashion statement तो बन ही रही है. पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली के Connaught Place के खादी स्टोर में गांधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई. इसी तरह कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत popular हो रहे हैं.

मन की बात में पीएम मोदी योग, अध्‍यात्‍म और आयुर्वेद का भी जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है. जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं. आजकल, हमारा मलखम्ब भी, अनेकों देशों में प्रचलित हो रहा है. पीएम मोदी ने युवाओं से मलखम्ब और Martial Arts को लेकर जाननें की अपील भी कि और कहा कि आप इसे इन्टरनेट पर जरूर search करिए और देखिये. 

प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में तमिलनाडु के तुतुकुड़ी में रहने वाले पोन मरियप्पन से बात की. पोन मरियप्‍पन अपने सैलून में एक पुस्‍तकालय चलाते हैं. पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के निरजुली के Rayo Village की लाइब्रेरी और चंडीगढ़ के एक NGO चलाने वाले संदीप कुमार का भी जिक्र किया जो इसी प्रकार का काम करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे. पीएम मोदी ने सरदार पटेल के sense of humour की बात की और एक वाकये का जिक्र किया. बापू ने सरदार पटेल के बारे में कहा था - उनकी विनोदपूर्ण बातें मुझे इतना हंसाती थी कि हंसते-हंसते पेट में बल पड़ जाते थे, ऐसा, दिन में एक बार नहीं, कई-कई बार होता था. इसमें, हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियां कितनी भी विषम क्योँ न हो, अपने sense of humour को जिंदा रखिये, यह हमें सहज तो रखेगा ही, हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे. सरदार साहब ने यही तो किया था!

पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य का जिक्र करते हुए कहा कि केरल में जन्मे पूज्य आदि शंकराचार्य जी ने, भारत की चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठों की स्थापना की- उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पूरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका. उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की, यही कारण है कि, वहां, एक ‘Shankracharya Hill’ है. तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता है. ज्योर्तिलिंगो और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को एक सूत्र में बांधती है. त्रिपुरा से ले कर गुजरात तक, जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित, हमारे, आस्था के केंद्र, हमें ‘एक’ करते हैं. इसी प्रकार सिखों के पवित्र स्थलों में ‘नांदेड़ साहिब’ और ‘पटना साहिब’ गुरूद्वारे शामिल हैं. हमारे सिख गुरुओं ने भी, अपने जीवन और सद्कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है. पिछली शताब्दी में, हमारे देश में, डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियां रहीं हैं, जिन्होंने, हम सभी को, संविधान के माध्यम से एकजुट किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि भी अर्पित की. 

पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर का पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आज देश-भर में बच्चे अपना Home Work करते हैं, Notes बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है. कश्मीर घाटी, पूरे देश की, करीब-करीब 90% Pencil Slate, लकड़ी की पट्टी की मांग को पूरा करती है, और उसमें बहुत बड़ी हिस्सेदारी पुलवामा की है. पुलवामा में, उक्खू को, Pencil Village के नाम से जाना जाता है. यहां, Pencil Slate निर्माण की कई इकाईयां हैं, जो रोजगार उपलब्ध करा रही हैं, और इनमें काफ़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं.

पीएम मोदी ने Lock down के दौरान Technology-Based service delivery जैसे कई ऐप का जिक्र भी किया. इस काम में जुटे झारखंड और मध्‍यप्रदेश के लोगों का भी जिक्र किया. उन्‍होंने त्योहारों में मास्‍क पहनने, साबुन से हाथ धोते रहने और दो गज की दूरी बनाए रखने की अपील भी की. 

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