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मुंबई पुलिस का दावा, पैसे देकर TRP बढ़ाता था रिपब्‍लिक टीवी, अर्नब बोले- सब झूठ है

Babita Pant

मुंबई 08 Oct, 2020 07:26 pm

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने दो टीवी चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अर्नब गोस्‍वामी (Arnab Goswami) के स्‍वामित्‍व वाले तीसरे चैनल रिपब्‍लिक टीवी (Republic TV) के निदेशकों और प्रमोटर से पूछताछ की जाएगी. आपको बता दें कि इन तीनों टीवी चैनलों पर टीआरपी के डेटा के साथ कथित रूप से छेड़खानी का आरोप लगा है.

मुंबई पुलिस कमिश्‍नर (Mumbai police commissioner) परम बीर सिंह (Param Bir Singh) ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कहा, "फक्‍त मराठी और बॉक्‍स सिनेमा चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि रिपब्‍लिक टीवी के डायरेक्‍टरों और प्रमोटरों से पूछताछ की जानी बाकी है. हम रिपब्‍लिक टीवी के कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए समन भेजेंगे."

दरअसल, रेटिंग एजेंसी हंसा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मुंबई पुलिस हरकत में आई. यह एजेंसी BARC की कॉन्‍ट्रैक्‍टर भी है. आपको बता दें कि BARC सूचना प्रसारण मंत्रालय (MIB) और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के अधीन काम करता है.  

खबर के मुताबिक शिकायत करने वाली रेटिंग एजेंसी का दावा है कि वह टीवी चैनलों के बारे में पूरी जानकारी देकर 32 हजार करोड़ रुपये के भारतीय टीवी विज्ञापन उद्योग को मजबूती देता है. एजेंसी ने भारत के अलग-अलग हिस्‍सों में लगभग 30 हजार बैरोमीटर लगाए हैं जो तमाम टीवी प्रोग्राम और चैनलों की मॉनिटरिंग करते हैं. इन बैरोमीटर के जरिए इकट्ठा किए गए डेटा के आधार पर BARC विभिन्‍न टीवी चैनलों को रेटिंग देता है. इस रेटिंग के आधार पर ही विज्ञापनदाता चैनलों को पहले से तय की गई कीमत पर विज्ञापन देते हैं.

एजेंसी का कहना है कि जब उसे टीआरपी रेटिंग से छेड़छाड़ की बात पता चली तो उन्‍होंने मुंबई पुलिस से संपर्क किया. इस शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने हंसा सर्विस के एक पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार कर उसके घर से 20 लाख रुपये कैश बरामद किया. गिरफ्तार कर्मचारी के एक साथी के घर से भी आठ लाख रुपये कैश मिला है. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है.

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्‍हें कुछ टीवी चैनलों ने उन घरों में जाकर पैसे देने और दिन भर अंग्रेजी चैनल लगाए रखने के लिए कहा था जहां बैरोमीटर लगे हुए हैं. 

इसके बाद पुलिस ने कुछ घरों में पूछताछ की तो सामने आया कि चैनल लगाए रखने के बदले हर महीने उन्‍हें 400 से 500 रुपये दिए गए थे. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान मुंबई पुलिस कमिश्‍नर ने कहा कि इस दौरान हमें ऐसे भी घर मिले हैं जहां कोई अंग्रेजी नहीं समझता था, फिर भी वे लोग दिन भर टीवी को ताकते रहते थे.

पुलिस कमिश्‍नर के मुताबिक, "जांच के दौरान हमें पता चला कि गिेरफ्तार लोगों और कुछ वॉन्‍टेड आरोपी हंसा के कर्मचारी रह चुके हैं और उन्‍होंने गोपनीय जानकारी का गलत इस्‍तेमाल किया. यह सब कुछ चैनलों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया और इससे विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को अच्‍छा-खासा नुकसान हुआ."

मुंबई के कांदिवली पुलिस स्‍टेशन ने गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विश्‍वास तोड़ने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

मुंबई पुलिस की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बाद रिपब्‍लिक टीवी ने एक बयान जारी कर कहा है, "मुंबई पुलिस कमिश्‍नर परम बीर सिंह ने रिपब्‍लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं क्‍योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत के केस में उन पर सवाल उठाए थे."

बहरहाल, सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है. कुछ लोगों का कहना है कि रिपब्‍लिक टीवी के साथ बिलकुल ठीक हुआ, वहीं कइयों को लगता है कि ये बदले की कार्रवाई है. 

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