भारत ने कहा है कि जब तक चीन, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बनाए रखेगा, तब तक दोनों देशों के संबंध सामान्य नहीं होंगे. रूस की राजधानी मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वैंग यी के बीच क़रीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई.
Indian and Chinese Foreign Ministers met for the first time since India-China border standoff began@DrSJaishankar
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) September 10, 2020
Telegram: https://t.co/uB9nQSFGLh pic.twitter.com/m6Gp9KQ33R
विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर से साफ़ कहा कि सीमा पर मौजूदा तनाव के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है. और इसे ख़त्म करना भी उसी की ज़िम्मेदारी है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आक्रामक रवैये का हवाला देते हुए विदेश मंत्री ने चीन के स्टेट काउंसलर वैंग यी को कहा कि अगर, चीन के सैनिक कोई हिमाकत करते हैं, तो भारत उसका समुचित ताक़त से जवाब देगा.
मई में सीमा पर शुरू हुए तनाव के बाद भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की ये पहली सीधी मुलाक़ात थी. डॉक्टर जयशंकर और वैंग यी, दोनों ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए रूस पहुंचे थे.
At the formal opening of the meeting in Moscow of the Foreign Ministers of the Shanghai Cooperation Organization. pic.twitter.com/QjtYnUxJlw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 10, 2020
इस दौरान, RIC यानी रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक भी हुई.
Attended the RIC Foreign Ministers Meeting hosted by FM Lavrov in Moscow. Thank him for his warm hospitality. India takes on the Chair of the RIC process. pic.twitter.com/fNAFI0aaCL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 10, 2020
जिसके बाद, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच सीमा पर तनाव को लेकर सीधी बातचीत हुई. चीन ने अपने यहां के ऐप्स पर भारत द्वारा प्रतिबंध लगाने का मसला उठाया. और सीमा पर तनाव के लिए भारत पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की. लेकिन भारत के विदेश मंत्री ने चीन के विदेश मंत्री वैंग यी को दो-टूक बता दिया कि अगर 45 साल बाद भारत और चीन की सीमा पर गोली चली है, तो उसके लिए चीन के सैनिकों का रवैया ज़िम्मेदार है. वो बार-बार भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. और चीन के सैनिकों ने ही 1993 के सीमा समझौते को तोड़ते हुए गोलियां भी चलाईं. जबकि भारत के सैनिक धैर्य बनाए हुए हैं. हालांकि विदेश मंत्री ने साफ़ कर दिया कि अगर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का रवैया ऐसा ही रहता है, तो भारत के सैनिकों का धैर्य बहुत दिनों तक नहीं चलने वाला.
जिस समय मॉस्को में चीन और भारत के विदेश मंत्रियों की बैठक चल रही थी, उसी समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगैंडा टूल, ग्लोबल टाइम्स ने भारत को युद्ध की धमकी दी.
#环球时报Editorial: Facts have proven Indian nationalist forces yield to coercion, but not to persuasion. They very much need another lesson in failure before believing China's commitment to long-term border peace is not weakness. https://t.co/O0EkXVj1hy pic.twitter.com/RiSyVyriZX
— Global Times (@globaltimesnews) September 10, 2020
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन की जीडीपी भारत से पांच गुना अधिक है. और चीन का डिफेंस बजट भी भारत से दो से तीन गुना अधिक है. ऐसे में भारत अगर ड्रैगन से टकराने की कोशिश कर रहा है, तो ये उसे बहुत महंगा पड़ेगा. क्योंकि ये किसी अंडे के एक चट्टान से टकराने जैसा है.
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया था कि मॉस्को में चीन के विदेश मंत्री के साथ मीटिंग में डॉक्टर एस. जयशंकर, लद्दाख में सीमा पर तनाव का मसला ज़रूर उठाएंगे.
मॉस्को रवाना होने से पहले विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा था कि इस समय भारत और चीन सीमा पर 1962 के बाद सबसे अधिक तनाव है.
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि सीमा पर तनाव के चलते भारत और चीन के संबध सामान्य नहीं हो सकते.
29/30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी. जिसके बाद भारत के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के एकदम क़रीब स्थित सभी भारतीय चोटियों पर मोर्चेबंदी कर ली है.
विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर से पहले मॉस्को गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक की थी.
इसी से नाख़ुश चीन के सैनिकों ने सात सितंबर को भारतीय चौकी के पास आकर हवा में गोलियां भी चलाई थीं.
VIDEO: TOP NEWS OF THE DAY दिनभर की बड़ी खबरें
Leave Your Comment