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किसान आंदोलन पर पॉप स्‍टार रिहाना के ट्वीट से मची खलबली

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 03 Feb, 2021 07:20 pm

संसद के मानसून सत्र में पास तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन पिछले कुछ महीनों से जारी है. अब अंतरराष्‍ट्रीय हस्तियों ने ट्वीट कर किसान आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया है. खबर के मुताबिक अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) की भांजी मीना हैरिस (Meena Harris), पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg), पूर्व पॉर्न स्टार मिया ख़लीफा (Miya Khalifa) और पॉप सिंगर रिहाना ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया है. पॉप स्‍टार रिहाना के ट्वीट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग इसे लेकर उत्‍साहित हैं, जबकि कई लोगों का कहना है कि विदेशियों को भारत के अंदरूरनी मामलों में बोलने का कोई हक नहीं है. वहीं, इन ट्वीट्स पर भारत सरकार ने किसी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर बड़ी हस्तियों को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए.

रिहाना ने किसानों के इस मुद्दे पर सीएनएन की एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया और कहा, "इस बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा है?" खबर लिखे जाने तक रिहाना के इस ट्वीट को 2 लाख 40 हजार से ज्‍यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.  

वहीं, किसान आंदोलन पर अपनी राय जाहिर करते हुए अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने ट्वीट कर कहा, "यह कोई संयोग नहीं है कि एक महीने से भी कम समय पहले दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर हमला हुआ था और अब हम सबसे बड़ी आबादी वाले लोकतंत्र पर हमला होते देख रहे हैं. यह एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है. हम सभी को भारत में इंटरनेट शटडाउन और किसान प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की हिंसा को लेकर नाराज़गी जतानी चाहिए."

मीना हैरिस ने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा, "युद्ध प्रिय राष्ट्रवाद अमेरिकी राजनीति में एक प्रबल ताकत है जैसा कि भारत या कहीं ओर है. इसको तभी रोका जा सकता है अगर लोग इस हकीकत को लेकर जाग जाएं कि फासीवादी तानाशाह कहीं जाने वाले नहीं हैं."

यही नहीं स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने बुधवार सुबह ट्वीट किया और कहा, "हम भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन में उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं." ग्रेटा का ट्वीट सीएनएन वेबसाइट पर एक समाचार के लिए प्रतिक्रिया में आया है, जिसमें लिखा है, "भारत में नई दिल्ली के चारों ओर इंटरनेट काट दिया जाता है, क्योंकि आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो जाती है."

कृषि कानूनों के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय हस्तियों के ट्वीट्स को लेकर भारत ने हालांकि किसी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन सही व्‍यवहार बरतने की सलाह जरूर दी गई है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ट्वीट किया है, "भारत की संसद ने व्यापक बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किया. ये सुधार किसानों को अधिक लचीलापन और बाजार में व्यापक पहुंच देते हैं. ये सुधार आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से सतत खेती का मार्ग प्रशस्त करते हैं. भारत के कुछ हिस्सों में किसानों का एक बहुत छोटा वर्ग इन सुधारों से सहमत नहीं है. भारत सरकार ने प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की है. इस कोशिश में अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है जिनमें केंद्रीय मंत्री हिस्सा ले रहे हैं सरकार ही नहीं, भारत के प्रधानमंत्री की ओर से इन क़ानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया गया है."

बयान में आगे कहा गया है, "इसके बाद भी कुछ समूह, जिनके अपने स्वार्थ हैं, इन विरोधों पर अपने एजेंडे लागू करने की कोशिश करके इन्हें पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ये देखा गया था जब एक राष्ट्रीय पर्व, गणतंत्र दिवस की वर्ष गांठ, मनाई गई तब भारतीय राजधानी में हिंसा और बर्बरता की घटनाएं देखी गईं. भारतीय पुलिस बलों ने इन उपद्रवियों को बेहद संयम के साथ नियंत्रित किया है. यह ध्यान देने वाली बात है कि पुलिस विभाग में कार्यरत सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं पर शारीरिक हमला किया गया है, और कुछ मामलों में छुरा भी घोंपा गया और गंभीर रूप से घायल किया गया."

बयान के मुताबिक, "हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि इन विरोधों को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के संदर्भ में और गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयासों के साथ देखा जाना चाहिए. ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने से पहले, हम आग्रह करेंगे कि तथ्यों का पता लगाया जाए, और मुद्दों की उचित समझ पैदा की जाए. मशहूर हस्तियों द्वारा सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और टिप्पणियों के प्रलोभन का शिकार होना, न तो सटीक है और न ही जिम्मेदार है."

वहीं, रिहाना के ट्वीट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. किसान एकता मोर्चा ने रिहाना को शुक्रिया कहा गया है.

एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) ने रिहाना की तारीफ में एक नया गाना ही रिलीज कर दिया.

वहीं, एक्‍ट्रेस कंगना रनौत ने रिहाना और ग्रेटा की जमकर आलोचना की है. रिहाना को आड़े हाथों लेते हुए कंगना ने ट्वीट कर कहा, ''कोई भी बात इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि ये किसान नहीं, आतंकवादी हैं. जो भारत को बांटना चाहते हैं. ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर ले और USA जैसी चाइनीज कॉलोनी बना दे. शांति से बैठो बेवकूफ. हम तुम्हारे जैसे मूर्ख नहीं हैं जो अपने देश को बेच दें.''

यही नहीं कंगना ने ग्रेटा बिगड़ैल लड़की करार दिया. ग्रेटा के ट्वीट का जवाब देते हुए कंगना ने ट्विटर पर लिखा, "कोई फैंसी एक्टिविस्ट वास्तविक पर्यावरणविद् हमारी अपनी दादी के बारे में बात नहीं करेगा.. लेकिन वे निश्चित रूप से मूर्ख और बिगड़ैल लड़की ग्रेटा थनबर्ग को प्रमोट करेंगे? जिसे पूरी लेफ्ट लॉबी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और बदले में उसने स्कूल और पढ़ाई छोड़ रखी है." आपको बता दें कि कंगना का 'दादी' से मतलब कोयम्बटूर की एक ऑर्गेनिक किसान 105 वर्षीय आर पप्पम्मल से है, जिन्हें इस वर्ष कृषि के लिए पद्श्री से सम्मानित किया गया.

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है. कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है. गतिरोध के बीच 26 जनवरी को दिल्‍ली में हुई किसानों की ट्रैक्‍टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए. गणतंत्र दिवस पर मचे इसे उत्‍पात के बाद किसानों के आंदोलन की आम जनता भी आलोचना करने लगी. ऐसे में लगा कि आंदोलन अब खत्‍म होने की कगार पर है. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वाहन पर एक बार फिर किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर जुटने लगे. अब अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मिल रहे समर्थन से किसान यूनियन खुश हैं.
 

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