रेलवे ने साल 2018 में ALP, टेक्नीशियन के 64 हजार पदों पर वैकेंसी निकाली थी. यह भर्ती अलग-अलग भर्ती बोर्ड ने अलग-अलग जोन के हिसाब से निकाली थी. रेलवे में निकले इन पदों पर चयन के लिए 3 स्टेज की परीक्षा हुई थी, लेकिन सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी आज तक हजारों उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिली है. नियुक्ति के नाम पर रेलवे के अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर आश्वासन दिया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. रेलवे का कोई बोर्ड बोलता है कोरोना है समय लगेगा, कोई बोलता है वैकेंसी नहीं है अभी समय लगेगा, कोई और जॉब देख लो. 3 स्टेज की परीक्षा पास करने के बाद भी उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए भटकना पड़ रहा है.
ऐसे ही हाल आरआरबी भोपाल का है जहां 402 उम्मीदवार नियु्क्ति का इंतजार कर रहे हैं. साल 2018 में आरआरबी भोपाल द्वारा ALP के कुल 1,110 पदों पर भर्तियां निकाली गई. इनमें से 854 वैकेंसी वेस्ट सेंट्रल रेलवे और 256 वैकेंसी वेस्टर्न रेलवे के लिए निकाली गई थी. इन पदों और अन्य आरआरबी द्वारा निकाले गए पदों पर सीबीटी 1 जुलाई 2018 में आयोजित किया गया, इसके बाद सीबीटी 2 जनवरी 2019 में और फिर एप्टीट्यूड टेस्ट मई 2019 में हुआ. तीन चरणों की परीक्षा के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुआ और RRB Bhopal द्वारा पहला पैनल 9 अगस्त 2019 को जारी किया गया. इसके बाद दूसरा और अंतिम पार्ट पैनल 13 दिसंबर को जारी होता है.
पैनल में आए कई उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई तो कई को नहीं दी गई. कुल मिलाकर आरआरबी भोपाल के 402 उम्मीदवार बचते हैं जिन्हें अब तक नियुक्ति नहीं मिली है. ये उम्मीदवार कई बार आरआरबी भोपाल और संबंधित डिवीजन में फोन कर अपनी ज्वाइनिंग के बारे में पूछ चुके हैं लेकिन रेलवे की और से इन्हें कोई जानकारी नहीं मिल रही.
एक ALP उम्मीदवार कहते हैं, ''मेरा सेलेक्शन भोपाल मंडल के तहत ALP में हुआ है. हमारा पैनल 9 अगस्त 2019 को आय गया था. लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी हमारी नियुक्ति को लेकर कोई खबर नहीं है. हम सब मानसिक, आर्थिक और सामाजिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. कृपया करके हमें इससे जल्द से जल्द छुटकारा दिलाए.''
एक अन्य उम्मीदवार कहते हैं, ''पिछले 1.5 साल से भोपाल जोन में ALP चयनित होने के पश्चात भी अभी तक हमारी नियुक्ति नहीं हुई है. मेरे पिताजी प्राइवेट बैंक में गार्ड की नौकरी करते हैं और उन्हें 9500 रुपये महीना वैतन मिलता है. जिस मासिक वेतन से वो पूरे घर को पाल रहे थे, वो नौकरी भी चली गई. अब घर में कोई कमाने वाला नहीं है. सरकार से निवेदन है कि हमें जल्द से जल्द नियुक्ति दे.''
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