कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बुधवार को हुई बैठक में 83 तेजस विमान (Tejas Jets) खरीदने को मंजूरी मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई थी, जिसमें विमान खरीदे जाने को मंजूरी दे दी गई है. ये सभी फाइटर जेट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तैयार करेगी. 83 तेजस विमान की ये डील 48 हजार करोड़ में फाइनल हुई है.
डील पर ज्यादा जानकारी देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना की मजबूती के लिए ये फैसला लिया गया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि ये डील रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए गेमचेंजर साबित होगी. रक्षा के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के MK1A वैरिएंट में 50 फीसदी की बजाए 60 फीसदी स्वदेशी उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. LCA तेजस इंडियन एयरफोर्स फ्लीट की रीढ़ की हड्डी बनने जा रही है. 83 तेजस विमान में 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A तथा 10 तेजस Mk-1 विमान शामिल हैं. तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है.
तेजस भारत में विकसित किया गया हल्का और मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) ने 1980 में विकसित किया था. 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे तेजस नाम दिया था. तेजस से हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है. पाकिस्तान से सटे गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलौदी एयरबेस पर इसकी स्क्वाड्रन तैनात की जा रही है.
जानकारों का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के लिए ये कदम सराहनीय है. भारतीय वायुसेना में 42 स्क्वाड्रन होने चाहिएं. एक स्क्वॉड्रन में कम से कम 18 फाइटर जेट होते हैं. भारत के पास अभी केवल 30 स्क्वॉड्रन है. HAL से 83 तेजस मिलने के बाद 3-4 स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा.
मौजूदा समय भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों तरफ से खतरा है. इसलिए इसके अलावा और भी फाइटर जेट खरीदने की जरूरत है. ताकि समय रहते स्क्वॉड्रन की कमी को पूरी की जा सके.
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