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समर्पण दिवस पर बोले PM- नेता को कैसा होना चाहिए, दीनदयाल बहुत बड़ा उदाहरण

TLB Desk

11 Feb, 2021 01:45 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyaya) की पुण्यतिथि पर आयोजित 'समर्पण दिवस' (Samarpan Diwas) पर सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतंत्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल उपाध्याय जी इसके बहुत बड़ा उदाहरण हैं.

पीएम मोदी के मुताबिक, "आप सबने दीनदयाल जी को पढ़ा भी है और उन्हीं के आदर्शों से अपने जीवन को गढ़ा भी है. इसलिए आप सब उनके विचारों से और उनके समर्पण से भली-भांति परिचित हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेरा अनुभव है और आपने भी महसूस किया होगा कि हम जैसे-जैसे पंडित दीनदयाल के बारे में सोचते हैं, बोलते हैं, सुनते हैं, उनके विचारों में हमें हर बार एक नवीनता का अनुभव होता है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था. इसलिए, जहां भी मानवता की सेवा का प्रश्न होगा, मानवता के कल्याण की बात होगी, दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे. हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दीनदयाल उपाध्याय भी यही कहते थे. उन्होंने लिखा था- 'एक सबल राष्ट्र ही विश्व को योगदान दे सकता है.' यही संकल्प आज आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा है. इसी आदर्श को लेकर ही देश आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है.

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