सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि बैंक लॉकरों पर प्रबंधन की वर्तमान स्थिति नाकाफी और अव्यवस्थित है और इसे लेकर नियमों में एकरूपता नहीं है. बैंक लॉकरों को लेकर व्यवस्थित और पर्याप्त नियमों की कमी से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को इस मुद्दे पर बैंकों को आवश्यक कदम उठाते हुए छह महीने के भीतर नियम निर्धारित करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस मोहन एम शांतनगौदर और विनीत सरन की बेंच ने कहा कि प्रत्येक बैंक अपनी स्वयं की प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है और नियमों में एकरूपता नहीं है.
बेंच ने कहा, "यह देखते हुए कि हम लगातार एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, लोग अपनी लिक्विड एसेट को घर पर रखने में संकोच कर रहे हैं. इस प्रकार, जैसे कि इस तरह की सेवाओं की बढ़ती मांग से स्पष्ट है, लॉकर हर बैंकिंग संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली एक आवश्यक सेवा बन गए हैं."
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि बैंक गलत धारणा के तहत हैं कि लॉकर में रखे सामान का पता नहीं होने से उन्हें देयता से छूट मिलती है.
बेंच ने कहा, "देश के सर्वोच्च न्यायालय के रूप में, हम बैंक और लॉकर धारकों के बीच मुकदमेबाजी को इस तरह से जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते"
सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित नियमों पर जोर देते हुए कहा, इससे अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी, जिसमें बैंक नियमित रूप से लॉकर के उचित प्रबंधन में चूक करेंगे.
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