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शेहला रशीद के पिता ने बेटी पर लगाया देशद्रोह का आरोप, कहा- मेरी जान को खतरा

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 01 Dec, 2020 02:13 pm

जेएनयू (JNU) छात्र संघ की पूर्व उपाध्‍यक्ष शेहला रशीद (Shehla Rashid) के पिता ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्‍हें अपनी बेटी के हथियारबंद अंगरक्षकों से जान का खतरा है. शेहला के पिता अब्‍दुल रशीद का आरोप है कि उनकी बेटी राष्‍ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है. उनका कहना है कि उन्‍हें उसके राजनीतिक और वित्तीय लेन-देन से ऐतराज है और इसी के चलते उनकी बेटी के बॉडीगार्ड ने उन्‍हें श्रीनगर स्थित घर जाने पर धमकाया. अब्‍दुल रशीद शोरा (Abdul Rashid Shora) ने जम्‍मू-कश्‍मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह को एक चिट्ठी लिखकर शेहला की गतिविधियों और पैसों के लेने-देन की जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि टेरर फंडिंग करने वाले दो लोगों से उसे 3 करोड़ रुपये मिले हैं.

शोरा का कहना है कि पूर्व आईएएस अफसर शाह फैजल की पार्टी ज्‍वॉइन करने के लिए पहले उनके जरिए शेहला को पैसों की पेशकश हुई थी. लेकिन उन्‍होंने तो पैसे लेने से इनकार कर दिया, जबकि उनक बेटी ने डील स्‍वीकार कर ली.

शोरा के मुताबिक, "टेरर फंडिंग मामले में पूर्व विधायक जहूर वताली और राशिद की गिरफ्तारी से दो महीने पहले मुझे पूर्व आईएएस के श्रीनगर के संत नगर स्थ्ति घर पर बुलाया गया था. यह 2017 की बात है तब शेहला जेएनयू में अपने आखिरी सेमेस्‍टर में थीं. उन्‍होंने मुझसे कहा कि मैं शेहला को JKPM (उस वक्‍त पार्टी का गठन नहीं हुआ था) पार्टी ज्‍वॉइन करने के लिए मनाऊं और बदले में वो मुझे 3 करोड़ रुपये देंगे."

शोरा का दावा है कि उन्‍होंने तभी प्रस्‍ताव को सिरे से खारिज कर दिया था और अपनी बेटी को भी हिदायत दी थी कि वह ऐसे लोगों से दूर रहे. उनके मुताबिक, "मेरे मना करने के बावजूद मुझे पता चला कि मेरी पत्‍नी जुबैदा शोरा और बड़ी बेटी असमा; शेहला के पार्टी ज्‍वॉइन करने और डील को स्‍वीकार करने के समर्थन में थीं."

शोरा ने कहा, "शेहला ने मुझे धमकाया कि मैं इस डील के बारे में किसी को न बताऊं और न ही किसी को जहूर वताली और इंजीनियर राशिद के साथ हुई मुलाकात के बारे में जानकारी दूं. अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो मेरी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी."

पिता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए शेहला ने ट्विर के जरिए एक बयान जारी किया है, जिसके मुताबिक, "आपमें से बहुत से लोगों ने मेरे जैविक पिता का वो वीडियो देखा होगा, जिसमें वो मेरे और मेरी मम्मी और बहन के खिलाफ अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं. सीधे शब्दों में कहें तो वह पत्नी को पीटने वाले, एक अपमानजनक और दुष्ट इंसान हैं. हमने आखिरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. यह स्टंट उसी की प्रतिक्रिया है."

शेहला ने जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक, "हम परिवार के एक करीबी सदस्‍य की मौत का शोक मना रहे हैं और यह अत्‍यंत दुखद है कि मेरे पिता ने मेरे, मेरी मां और बहन के खिलाफ बेकार और आधारहीन आरोपों को लगाने के लिए इस वक्‍त को चुना. लेकिन सच्‍चाई यह है कि मेरी मां, बहन और मैंने अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया हुआ है.... जो झूठे आरोप वो लगा रहे हैं वह इसी की प्रतिक्रिया का नतीजा है."

इसी के साथ शेहला ने एक अन्‍य ट्वीट करते हुए लिखा, "कोई न्‍याय के बारे में लगातार बात कर सकता है, लेकिन वास्‍तव में परोपकार घर से ही शुरू होता है. आखिरकर हमने फैसला कर ही लिया कि अब चुपचाप बुरा बर्ताव सहन नहीं करेंगे, क्‍योंकि चुप रहने से शोषण करने वाले का हौंसला बढ़ता ही है. ये 17-11-2020 का कोर्ट का वो ऑर्डर है जिसमें उन्‍हें घर के अंदर आने से मना किया गया है. अब इस पर वो जो कुछ भी कहते हैं वो बाद की बात है."

आपको बता दें कि डीजीपी को लिखी शिकायत में अब्‍दुल रशीद शोरा ने कहा है कि "उन्‍हें पक्‍का विश्‍वास है कि मेरे घर में राष्‍ट्र-विरोधी गतिविधियां चल रही हैं." इसी के साथ उन्‍होंने यह भी कहा कि शेहला ने जिस कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र किया है उस पर श्रीनगर के एडिशनल सेशल जज की कोर्ट ने स्‍टे लगा दिया है. शोरा का कहना है कि कोर्ट ने अपने आदेश में निर्देश दिया है कि वह अपने घर जा सकते हैं इसके बावजूद स्‍थानीय पुलिस उन्‍हें घर छोड़ने साथ नहीं गई. शोरा के मुताबिक, "मैं खुद अपने घर गया, लेकिन वहां शेहला के बॉडीगार्ड और उन्‍य हथियार बंद लोगों ने मुझे धमकाया जिसके बाद मैं श्रीनगर से भागकर जम्‍मू आ गया."

बहरहाल, डीजीपी ने आगे की कार्रवाई के लिए अब्‍दुल रशीद शोरा की चिट्ठी को कश्‍मीर रेंज के आईजीपी को भेज दिया है.

कौन हैं शेहला राशिद?
शेहला राशिद जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर हैं. वह 2015-16 में जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष बनी थीं. फरवरी, 2016 में जब जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगे थे, तब छात्र संघ अध्‍यक्ष कन्हैया को जेल जाना पड़ा था, लेकिन शेहला राशिद बची रहीं. जेल से बाहर रहकर वह कन्‍हैया की गिरफ्तारी को लेकर काफी मुखर रहीं. उन्‍होंने कई मंचों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन करने के साथ विरोध गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था. इसकी जांच अब भी जारी है.

शेहला ने राजनीति में भी हाथ आजमाया. शुरुआत में वह जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस में भी शामिल हुई थीं. फिर इसी साल मार्च में वह पूर्व आईएस अफसर शाह फैसल की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) में शामिल हो गईं थीं. आपको बता दें कि आईएएस टॉपर रहे शाह फैसल ने नौकरी छोड़कर अपनी पार्टी का गठन किया था. इस पार्टी से टिकट पर शेहला ने चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गईं. इसके बाद शेहला ने राजनीति से ही संन्‍यास ले लिया. 

अपने विवादित बयानों से अकसर सुर्खियां बंटोरने वाली शेहला ने अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने को लेकर कई विवादित बयान दिए थे. 

शेहला रशीद ने 18 अगस्त 2019 को शेहला ने भारतीय सेना को लेकर कई विवादित बयान दिए थे. उन्‍होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर भारतीय सेना पर कश्मीरियों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए थे. इस बाबत दिल्ली पुलिस ने शेहला के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था. सेना ने भी शेहला के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. यह मामला अभी कोर्ट में है.

शेहला ने एनआईटी श्रीनगर से पढ़ाई की है. वह बतौर इंजीनियर नौकरी भी कर चुकी हैं.

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