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अखिलेश के साथ गठबंधन करना चाहते हैं शिवपाल यादव, वजह है BJP

Babita Pant

लखनऊ 05 Feb, 2021 12:21 pm

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्‍य में कई राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं. इसी क्रम में अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (PSPL) के प्रमुख शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कहा है कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है. शिवपाल का कहना है कि गठबंधन होने पर उनकी पार्टी और सपा मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हरा सकेंगे. 

शिवपाल ने कहा, "हम गठबंधन बनाने के लिए राज्य के अन्य छोटे दलों से भी संपर्क कर रहे हैं. जिस सरकार ने किसानों के हित के खिलाफ ये काले कृषि कानून बनाए हैं, उन्हें किसी सूरत में चुनाव नहीं जीतने देना चाहिए."

PSPL प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य के सभी जिलों में अपना आधार बना लिया है. उन्होंने कहा, "हम किसानों के साथ हैं और जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन भी करेंगे. ये कानून केवल कॉर्पोरेट घरानों की मदद के लिए बनाए गए हैं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए सभी निर्णय फिर चाहे वो नोटबंदी हो, जीएसटी हो, कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों का माइग्रेशन हो, ये सब देश और जनता के खिलाफ ही थे. किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया गया, लेकिन आय में कमी आई है. अगर किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार क्यों उन पर ये कानून थोप रही है?"

वहीं, समाजवादी पार्टी ने अब तक शिवपाल के इन बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी 'छोटी' पार्टियों के साथ गठबंधन करने को तैयार है. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं कि उनकी पार्टी शिवपाल यादव के लिए जसवंतनगर विधानसभा सीट छोड़ देगी.

आपको बता दें कि जब समाजवादी पार्टी की कमान मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी तब उनके भाई शिववाल यादव ही पार्टी और संगठन का काम देखते थे. लेकिन पिछली बार यानी कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले उस वक्‍त पार्टी में दरार पड़ गई जब वर्चस्‍व को लेकर शिवापाल और अखिलेश आमने-सामने आ गए.

लंबे समय तक चले पारिवारिक ड्रामे के बाद मुलायम ने बेटे अखिलेश के सिर पर हाथ रखा और पार्टी की कमान सौंप दी. वहीं, भाई के इस पुत्र प्रेम से नाराज शिवपाल ने अपने समर्थकों के साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया. इसके बाद साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में शिवपाल ने यूपी में कई संसदीय सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे. नतीजा यह हुआ कि यूपी की तीन सीटों इटावा, बरेली और कानपुर देहात में शिवपाल की पार्टी ने सपा को जबरदस्‍त नुकसान पहुंचाया. इस बीच मुलायम चाच-भतीजे के बीच सुलह की कई कोशिशें कर चुके हैं. अब देखना यह है कि शिवपाल के गठबंधन के प्रस्‍ताव पर अखिलेश क्‍या रुख अपनाते हैं?

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