बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह गिरफ्तार हो गया है. यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क से धीरेंद्र सिंह को रविवार सुबह गिरफ्तार किया है. धीरेंद्र सिंह पिछले चार दिनों से फरार चल रहा था और यूपी पुलिस की 10 टीमें उसकी तलाश में जगह-जगह छापे मारी कर रही थी. यहां तक कि पुलिस ने धीरेंद्र सिंह पर 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा तक कर दी थी.
आरोपी धीरेंद्र सिंह ने शनिवार को ही एक वीडियो जारी करके खुद को बेगुनाह बताया था और हिंसा के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया था. इस मामले में अब तक कुल 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. धीरेंद्र सिंह के अलावा दो अन्य आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर भी 50-50 हजार रुपये का इनाम की घोषणा की गई थी.
एसटीएफ आईजी अमिताभ यश ने मीडिया को बताया की धीरेंद्र प्रताप सिंह और उसके साथियों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही एसटीएफ ने उनके कब्जे से हथियार भी बरामद किए हैं. घटना के समय किस हथियार का इस्तेमाल हुआ था एसटीएफ इस संबंध में जानकारी जुटा रही है. पुलिस का कहना है कि धीरेंद्र और उसके आरोपी साथियों पर एनएसए और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि धीरेंद्र खुद ही सरेंडर करने की फिराक में था. इसके लिए उसने पूरी प्लानिंग कर ली थी और अपने कुछ करीबी नेताओं और पुलिसवालों से सलाह मशवरा भी किय था. उन्हीं के कहने पर वो वकीलों के जरिए सरेंडर करना चाह रहा था. लेकिन ऐन मौके पर एसटीएफ की टीम ने उसे दबोच लिया.
दावा तो ये भी किया जा रहा है कि धीरेंद्र ने अपनी बेगुनाही वाला वीडियो भी इसी प्लानिंग के तहत जारी किया था. फिलहाल धीरेंद्र से अभी एसटीएफ पूछताछ कर रही है. कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एसटीएफ धीरेंद्र को बलिया पुलिस को सौंप देगी.
वहीं बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह को आरोपी धीरेंद्र सिंह के समर्थन में आना भारी पड़ता नज़र आ रहा है. बताया जा रहा है कि विधायक सुरेंद्र सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इस पूरे मामले में सफ़ाई पेश करने के लिए लखनऊ तलब किया है. आरोप है कि सुरेंद्र सिंह ने बलिया कांड के आरोपी धीरेंद्र सिंह के पक्ष में परिवार के साथ जाकर पुलिस से मुलाकात की थी. सुरेंद्र सिंह ना सिर्फ परिवार वालों के साथ खड़े थे बल्कि गम में आंसू भी बहाए थे, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. इसके बाद ही बीजेपी पर खुलकर आरोपी का साथ देने का आरोप लगने लगा था.
बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने यहां तक कहा कि अगर दूसरे पक्ष के खिलाफ केस दर्ज नहीं हुआ तो वो धरने पर बैठ जाएंगे. यही नहीं विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे ने तो राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेतावनी देते हुए फेसबुक पोस्ट लिखी थी जिसमें कहा गया था- 'योगी जी, अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है. आपकी शह पर प्रशासन अत्याचार का अंत कर रहा है. मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे.'
यू.पी में भाजपाईयों को गुंडागर्दी का लाइसेन्स!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 15, 2020
जब शासक अपराधी हों,
क़ानून गुंडों की दासी हो,
तो संविधान को रौंदना राजधर्म बन जाता है। https://t.co/YR6tMfj1IA
आपको बता दें 15 अक्टूबर को यूपी के बलिया ज़िले के दुर्जनपुर गांव में दो सरकारी दुकानों के आबंटन के लिए पंचायत बुलाई गई थी. दुकानों के आबंटन को लेकर धीरेंद्र प्रताप सिंह और जयप्रकाश उर्फ गामा पाल के बीच विवाद चल रहा था. विवाद सुलझाने के लिए ही पंचायत में एसडीएम, सीओ और बीडीओ, और रेवती थाने की पुलिस पहुंची थी.
बातचीत के बाद भी दोनों पक्षों के बीच विवाद नहीं सुलझा और पुलिस, अधिकारों की मौजूदगी में ही लाठी-डंडे और मारपीट शुरु हो गई. इसी बीच आरोपी धीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश के सीने में चार गोलियां दाग़ दी और मौके से फरार हो गया.
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