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किसानों के समर्थन में सिख संत ने दिल्‍ली बॉर्डर पर की आत्‍महत्‍या

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 17 Dec, 2020 01:17 pm

हरियाणा के गुरुद्वारे के एक संत ने बुधवार को आत्‍महत्‍या कर ली. संत की पहचान बाबा राम सिंह सिंगड़े वाले (Baba Ram Singh Singhra Wale ) के रूप में हुई है, जो कुछ दिन पहले ही किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे. वह दिल्‍ली के कोंडली बॉडर पर जुटे किसानों के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.

खबरों के अनुसार बाबा राम सिंह ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्‍होंने लिखा है कि वह सरकार के अन्‍याय के खिलाफ अपना गुस्‍सा और दर्द जाहिर करने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे रहे हैं.

पुलिस ने इस सुसाइड नोट की पुष्टि की है. सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक उन्‍हें जानकारी मिली है कि करनाल के रहने वाले 65 वर्षीय संत राम सिंह ने खुद गोली मार ली है.

पुलिस अधिकारी का कहा है कि वारदात वाली जगह की छानबीन की जा रही है और मृतक के परिजनों के बयान लेने की प्रक्रिया जारी है.

पंजाबी में लिखे संत राम सिंह के सुसाइड नोट के मुताबिक, "मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे किसानों के दर्द को महसूस कर सकता हूं. मैं उनके दर्द को इसलिए साझा कर रहा हूं क्‍योंकि सरकार उनके साथ न्‍याय नहीं कर रही है. अन्‍याय को थोपना पाप है, लेकिन अन्‍याय सहन करना भी पाप है. किसानों को समर्थन देने के लिए कुछ लोगों ने अपने अवॉर्ड और सम्‍मान वापस लौटा दिए हैं. मैंने खुद की कुर्बानी देने का फैसला किया है."

वहीं, शिरोमणि अकाली दल की नेता और एनडीए सरकार में खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री रह चुकीं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मृतक सिख संत की फोटो और उनका सुसाइड नोट अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है. अपने ट्वीट में हरसिमरत बादल ने लिखा, "भारत सरकार अड़ियल बनी हुई है और इनकार कर रही है. लेकिन बाबा राम सिंह सिंगड़े वाले से कोंडली बॉडर पर किसानों की हालत देखी नहीं गई और उन्‍होंने ऐसा कदम उठा लिया. उम्‍मीद है कि इस दु:खद घटना के बाद भारत सरकार जागेगी और इससे पहले कि देर हो जाए वह तीनों कानूनों को वापस लेगी."

खबरों में कहा जा रहा है कि संत राम सिंह ने बुधवार शाम 5:30 बजे खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली. उन्‍हें नजदीकी प्राइवेट अस्‍पताल ले जाया गया, जहां डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया.

शिरोमणि अकाली दल (SAD) और दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्‍यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने हादसे पर दुख जताते हुए किसानों से अपील की कि वे मजबूत बने रहें.

सिरसा ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, "संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली. इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है. मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले. आप सभी से संयम बनाकर रखने की विनती."

आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले कई दिनों से दिल्‍ली बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार मानसून सत्र में पारित तीन नए कृषि कानूनों को वापस ले. किसानों का मानना है कि इन कृषि कानूनों से उनकी आमदनी घट जाएगी और बड़े व्‍यापारियों को अधिक फायदा होगा.

नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हैं. किसान और सरकार की अभी तक जितने दौर की भी बात हुई वो सभी बेनतीजा रही है. किसानों का साफ कहना है कि जबतक सरकार कानून वापस नहीं लेगी वो ना सिर्फ अपना आंदोलन जारी रखेंगे बल्कि आंदोलन को और तेज़ भी करेंगे. 

सरकार और किसान नेताओं के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सभी मुलाकातें बेनतीजा रहीं. सरकार कानून वापस लेने के लिए तैयार नहीं है, हालांकि वह किसानों की कुछ आपत्तियों पर विचार करते हुए संशोधन लाने के पक्ष में है. इस बाबत सरकार ने किसानों को प्रस्‍तावित संशोधनों का ड्राफ्ट भी भेजा है. सरकार का कहना है कि किसान ड्राफ्ट पढ़कर उस पर विचार कर लें और फिर बातचीत के लिए आएं. लेकिन किसान संशोधनों पर राजी नहीं हैं. उनकी मांग है कि सरकार मानसून सत्र में पारित तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले.

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