सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संसद के मानसून सत्र में पारित तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत में मंगलवार को किसानों के आंदोलन को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला देते हुए कोर्ट ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है. ये रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में कृषि विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ होंगे. ये कमेटी किसानों की आपत्तियों पर विचार करेगी.
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधिश एसए बोबडे ने कहा, "हम अंतिम फैसले तक तीनों कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा रहे हैं."
चीफ जस्टिस ने उन विशेषज्ञों के नाम भी बताए जो इस कमेटी में शामिल होंगे. उनके मुताबिक इस कमेटी में कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी, डॉक्टर प्रमोद कुमार जोशी, अनिल घनवट और बीएस मान शामिल हैं.
इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें पुलिस ने किसानों के 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश पर ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग की थी.
आपको बता दें कि किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
किसान 26 नवंबर से इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में इन मार्गों से दिल्ली में प्रवेश मुश्किल हो गया है. इसी के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी.
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