एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के केस की जांच में अब तीसरी सेंट्रल एजेंसी भी शामिल हो गई है. जिसके कारण, अब अभिनेता सुशांत की मौत की मिस्ट्री की इन्वेस्टिगेशन का दायरा मुंबई से बढ़ कर दिल्ली पहुंच गया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सुशांत की पार्टनर रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ दिल्ली में ड्रग के इस्तेमाल का केस दर्ज किया है. मामले में रिया के अलावा उनके भाई शौविक चक्रवर्ती, रिया की मैनेजर रहीं श्रुति मोदी, और पुणे के ड्रग डीलर गौरव आर्य के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किए गए हैं. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने NDPS एक्ट (Narcotics Drug and Psychotropic Substance Act)की धारा 20,22,27 और 29 के तहत जो केस दर्ज किया है, उसमें जया शाह को भी आरोपी बनाया गया है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)ने ये जांच प्रवर्तन निदेशालय के कहने पर शुरू की है. ED ने 25 अगस्त को रिया चक्रवर्ती के कुछ व्हाट्सऐप मैसेज एनसीबी को भेजे थे और इस मामले में ड्रग के इस्तेमाल और ख़रीद-फ़रोख़्त के एंगल से इन्वेस्टिगेटशन करने की गुज़ारिश की थी. असल में सुशांत के केस में मनी लॉन्डरिंग के एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक चक्रवर्ती और पिता इंद्रजीत के फ़ोन ज़ब्त किए थे. इन मोबाइल फोन के डेटा रिट्रीव करने के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय को रिया के वो मैसेज भी मिले, जिसमें वो ड्रग डीलर्स से बात कर रही थीं और ड्रग मांग रही थीं. इसमें, सुशांत के घर पर काम करने वाले दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा भी शामिल थे. ये मैसेज सामने आने के बाद ही ED ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को मामले में ड्रग के एंगल से जांच करने को कहा था.
ज़ाहिर है, पूरे देश के मेनस्ट्रीम मीडिया पर छाए इस मुद्दे में ड्रग का एंगल आने के बाद से ये केस LSD यानी लव, सुशांत ऐंड ड्रग्स का हो गया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट से आदेश के बाद मामले की जांच में जुटी सीबीआई के हाथ छठवें दिन कुछ नई जानकारियां आई हैं. पता ये चला है कि 8 जून को जब सुशांत से झगड़े के बाद रिया उनका घर छोड़ कर गई थीं, तो उससे पहले घर में सुशांत के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क तोड़ी गई थीं. ये जानकारी सीबीआई को सिद्धार्थ पीठानी ने दी है, जो सुशांत के घर पर ही रहता था. और उसी ने सुशांत को सबसे पहले पंखे से लटका हुआ देखा था. हालांकि, सिद्धार्थ ये नहीं बता सका कि हार्ड डिस्क में आख़िर ऐसा था क्या कि उसे तोड़ने की ज़रूरत पड़ी. अब, सीबीआई के लिए ये बात भी जांच का विषय है.
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वहीं, सुशांत के केस में अब महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग भी कूद पड़ा है. महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने मुंबई के कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग ने पूछा है कि 15 जून को कूपर अस्पताल के मुर्दाघर में रिया चक्रवर्ती को जाने की इजाज़त कैसे मिल गई? 15 जून को रिया, अस्पताल की मॉर्चरी में गई थीं और वो सुशांत की डेड बॉडी के साथ क़रीब 45 मिनट तक रही थीं.
नियम के मुताबिक़, मुर्दाघर में मृतक के परिजन भी नहीं जा सकते. ऐसे में मुंबई पुलिस और कूपर अस्पताल दोनों को इस सवाल का जवाब देना होगा कि आख़िर रिया, कैसे मुर्दाघर पहुंच गईं. जबकि, सुशांत से उनका कोई औपचारिक रिश्ता नहीं था.
इन बातों से साफ़ है कि हर गुज़रते दिन के साथ सुशांत के केस में कोई न कोई नया तथ्य जुड़ रहा है, जिसके कारण देश के एक बड़े तबके की नज़रें इस मामले के हर अपडेट पर बनी हुई हैं.
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