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Sushant Case: रिया के लिए राहत की खबर, CBI को नहीं मिले पैसों की हेरा-फेरी के सबूत

Babita Pant

नई द‍िल्‍ली 07 Oct, 2020 12:40 pm

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की आरोपी रिया चक्रवर्ती को ज़मानत मिल गई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने उन्हें ड्रग ख़रीदने और पेडलिंग के आरोप में 8 सितंबर को गिरफ़्तार किया था. इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट और सेशन्स कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती को बेल नहीं दी थी. 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ़्ते रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती, ड्रग पेडलिंग के आरोपी सुशांत के स्टाफ़ दीपेश सावंत, सैमुअल मिरांडा और ड्रग पेडलिंग के अन्य आरोपियों अब्दुल बासित परिहार की बेल पर सुनवाई के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट ने फ़ैसला सुनाते हुए रिया चक्रवर्ती को ज़मानत दे दी.

रिया चक्रवर्ती को राहत देने वाली एक और ख़बर भी आई है.इस केस की जांच कर रही CBI को सुशांत सिंह के खातों से पैसों की गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं मिले हैं. CBI के सूत्रों ने बताया है कि पिछले पांच वर्षों में सुशांत के बैंक खातों से क़रीब 70 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया.

इनमें से ज़्यादातर रक़म कारें, बाइक और संपत्तियां ख़रीदने में ख़र्च की गई. इसके अलावा सुशांत ने अपने स्टाफ़ को सैलरी देने व मीडिया और पब्लिक रिलेशन्स के काम के लिए पैसों का पेमेंट किया. आपको बता दें कि 

सुशांत के परिवार ने आरोप लगाए थे कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत को अपने जाल में फंसा कर उनसे पैसे ऐंठे थे. लेकिन, CBI को अपनी लगभग दो महीने की जांच में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला. 

सुशांत के खातों से रिया चक्रवर्ती को कनेक्ट करने वाले केवल 55 लाख रुपये के लेन-देन का पता चला है. इसमें से भी ज़्यादातर रक़म दोनों के साथ घूमने-फिरने जाने, स्पा और गिफ्ट पर ख़र्च की गई. जैसा कि आरोप लगाए जा रहे थे कि रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार ने मिलकर सुशांत को लूट लिया, वैसा कोई सबूत CBI को अब तक की जांच में नहीं मिला है. 

हालांकि, CBI ने कहा है कि इस मामले में अभी भी रिया चक्रवर्ती आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी हैं. लेकिन, अब CBI सुशांत की ख़ुदकुशी के पीछे की वजह तलाशने के लिए तमाम एंगल से जांच कर रही है. इसमें पेशेवर प्रतिद्वंदिता, बॉलीवुड में नेपोटिज़्म, ड्रग का ज़्यादा इस्तेमाल और सुशांत सिंह राजपूत की मानसिक हालत से जुड़े एंगल शामिल हैं. 

ज़ाहिर है, CBI की जांच अब घूम-फिरकर वहीं पहुंच गई है, जहां तक मुंबई पुलिस की जांच पहुंची थी. फ़र्क़ सिर्फ़ इस बात का है कि CBI, सुशांत की फैमिली की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच कर रही है. वहीं, मुंबई पुलिस ने इस मामले में केवल जांच की थी. कोई FIR दर्ज नहीं की थी. 

मज़े की बात यह है कि सुशांत की फैमिली ने रिया, उनके मां-बाप और भाई शोविक के अलावा तीन अन्य लोगों को भी आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया था. लेकिन, अब तक CBI को इस बात का भी मोटिव नहीं मिल पाया है कि आख़िर रिया ने सुशांत को आत्महत्या के लिए क्यों उकसाया होगा. पैसे वाला एंगल ख़ारिज हो जाने के बाद, रिया चक्रवर्ती को आरोपी ठहराना तो ठीक, मगर ये आरोप साबित कर पाना बेहद मुश्किल होगा. 

जो पैसे सुशांत ने रिया चक्रवर्ती पर ख़र्च किए, वो तो कोई भी ब्वॉयफ्रैंड अपनी दोस्त पर ख़र्च कर सकता है. जबकि, सुशांत सिह राजपूत के पिता ने जुलाई में पटना में जो FIR दर्ज कराई थी उसमें रिया और उनकी फैमिली पर सुशांत के 15 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया था.

इससे पहले एम्स के डॉक्टर्स का पैनल भी यह रिपोर्ट दे चुका है कि सुशांत की हत्या में कोई फाउल प्ले नहीं था और उन्होंने ख़ुद ही अपनी जान ली थी. एम्स के डॉक्टर्स को भी इस बात का कोई सुबूत नहीं मिला था कि सुशांत की मौत के पीछे कोई साज़िश थी. उन्हें ड्रग दिया गया या उनकी हत्या की गई. 

सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में सुसाइड कर लिया था. क़रीब 66 दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच 19 अगस्त को CBI को सौंप दी थी. इससे पहले जुलाई महीने में सुशांत के पिता के.के. सिंह ने पटना में रिया चक्रवर्ती, उनके परिवार और सुशांत के तीन अन्य स्टाफ़ पर ख़ुदकुशी के लिए उकसाने, बंधक बनाने और पैसे ऐंठने का आरोप लगाते हुए FIR की थी. लेकिन, जब इसकी जांच के लिए बिहार पुलिस की टीम मुंबई पहुंची, तो उसे मुंबई पुलिस से सहयोग नहीं मिला था. जिसके बाद बिहार सरकार ने केस की जांच CBI को सौंपने की सिफ़ारिश की थी. लेकिन, महाराष्ट्र सरकार ने इसका विरोध किया था.

पिछले क़रीब चार महीनों से ये केस मीडिया में छाया हुआ है. कॉन्सपिरेसी थियरीज़ गढ़ी जा रही हैं. कभी रिया, तो कभी सुशांत के स्टाफ को उनकी हत्या का आरोपी बताया जाता रहा है. सुशांत के गले पर मार्क, उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, विसरा रिपोर्ट और गवाहों के बयान, सभी पर सवाल उठाए गए हैं. मीडिया के कुछ उत्साही पत्रकारों ने तो रिया और सिद्धार्थ पीठानी को मुजरिम तक क़रार दे दिया. 

हालांकि, CBI को दो दर्जन से ज़्यादा लोगों से पूछताछ के बाद भी किसी फाउल प्ले का कोई सबूत या संकेत नहीं मिला.

CBI से पहले प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने इस केस की जांच मनी लॉन्डरिंग के एंगल से भी शुरू की थी. इसी दौरान, जब रिया, शोविक और उनके पिता के मोबाइल से पुराने डेटा निकाले गए, तो ड्रग्स संबंधित कुछ चैट्स सामने आईं. जिसके बाद इस केस में तीसरी सेंट्रल एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की एंट्री हो गई. 

कई ड्रग पेडलर्स की गिरफ़्तारी के बाद आख़िरकार रिया के भाई शोविक और ख़ुद रिया चक्रवर्ती को भी गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया. इसके बाद बॉलीवुड की कई और अभिनेत्रियों दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर व सारा अली ख़ान को भी NCB ने पूछताछ के लिए तलब किया. लेकिन, अब ये हाई प्रोफ़ाइल मामला ठीक उसी दिशा में बढ़ चला है, जहां पर मुंबई पुलिस ने इसे छोड़ा था. 

इस दौरान मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर आरोप लगाने और कॉन्सपिरेसी थियरीज़ गढ़ने के लिए 80 हज़ार से ज़्यादा फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स भी बनाए गए. जिनके ज़रिए हर दिन केस को एक नया एंगल दिया जाता रहा. मेनस्ट्रीम मीडिया में भी साज़िश की तमाम कहानियों की चर्चा हुई.
 
एम्स की रिपोर्ट आने के बाद, मुंबई पुलिस ने बदनाम करने के लिए बनाए गए इन फ़र्ज़ी सोशल मीडिया एकाउंट्स के ख़िलाफ़ केस दर्ज करके जांच शुरू की है. उम्मीद यही की जानी चाहिए कि CBI की फाइनल रिपोर्ट या औपचारिक बयान आने के बाद सुशांत के सुसाइड पर चल रहा मीडिया सर्कस बंद होगा.

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