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ताइवान ने मार गिराया चीन का सुखोई विमान!

Atit

बीजिंग 04 Sep, 2020 02:29 pm

ताइवान के मीडिया ने दावा किया है कि उसने चीन का एक लडाकू विमान मार गिराया है. चीन का ये सुखोई-35 विमान अवैध रूप से ताइवान की हवाई सीमा में दाख़िल हुआ था. माना जा रहा है कि अपनी सीमा में घुसने वाले चीन के इस सुखोई लड़ाकू विमान को ताइवान के एयर डिफेंस सिस्टम की मिसाइल ने निशाना बनाया. हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन, इस घटना के बाद चीन और ताइवान में ज़बरदस्त तनाव है. ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है.

वहीं, चीन ने दावा किया है कि उसका ये विमान ताइवान के मिसाइल डिफेंस सिस्टम का शिकार नहीं हुआ. बल्कि, तकनीकी ख़राबी की वजह से क्रैश हुआ. चीन के मुताबिक़, इस घटना में उनका पायलट गंभीर रूप से ज़ख़्मी हो गया है. 

चीन का दावा है कि उनका ये लड़ाकू विमान ताइवान स्ट्रेट्स और साउथ चाइना सी के ऊपर उड़ान भर रहा था.

चीन, ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है. और उसके विमान और जहाज़ अक्सर ताइवान की हवाई और जल सीमा में घुसपैठ करते रहते हैं. चीन के आक्रमण की आशंका को देखते हुए, ताइवान ने अमेरिका से भारी मात्रा में हथियार ख़रीदे हैं. ताइवान ने अपनी वायुसीमा की हिफ़ाज़त के लिए अमेरिका से एयर डिफेंस सिस्टम भी ख़रीदा है.

1949 से पहले ताइवान चीन का ही हिस्सा हुआ करता था. लेकिन, गृह युद्ध में कम्युनिस्ट पार्टी की जीत के बाद, चीन के हारे हुए नेता च्यांग काई शेक ने चीन से भागकर ताइवान में ही शरण ली थी. शुरू में ताइवान की सरकार को ही चीन की असली सरकार माना जाता रहा था. लेकिन, जब 1971 में कम्युनिस्ट चीन संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बन गया, तो उसके बाद बहुत से देशों ने ताइवान को मान्यता देनी बंद कर दी. 

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही है, तो ताइवान में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू है. ताइवान को अमेरिका समेत, तमाम पश्चिमी देश समर्थन देते हैं. और इन सभी देशों के साथ ताइवान के विशेष आर्थिक संबंध हैं.

वहीं, चीन का लक्ष्य है कि एक न एक दिन वो ताइवान को अपना हिस्सा बना लेगा.

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