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नवरात्रि और ऋतुओं में हैं विशेष संबंध, आपको जरूर जानना चाहिए

PujaPandit Desk

13 Aug, 2020 05:06 am

प्रकृति के हर स्वरूप की वेदों में व्याख्या की गई है और साथ ही उनकी वंदना भी की गई है. बदलते मौसम में त्योहार शुरू होते और खत्म होते हैं. प्रकृति को ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप माना गया है. ऐसा माना जाता है कि प्रकृति की पूजा करने से आपके सुख - दुःख और बीमारियां दूर होती हैं. आज हम आपको बता रहे हैं नवरात्रि के मौसम में क्या खास बात है. साथ ही हम जानेंगे नवरात्रि और मौसम का क्या संबंध है.

ये तो सभी जानते हैं सालभर में 6 ऋतुएं हैं जिनका हमारी परंपराओं से गहरा ताल्लुक है. ऋतुओं के हिसाब से त्योहारों का आगमन होता है. बसंत, ग्रीष्म और शरद को देवी ऋतुओं के रूप में पूजा जाता है.

पुराणों के मुताबिक, जैसे-जैसे मौसम में बदलाव होते हैं वैसे ही हमारे शरीर, मन और मस्तिष्क में बदलाव होना शुरू हो जाता है. प्रकृति भी ऋतुओं के नियमों का पालन करती है.

हिन्दू धर्म में चैत्र माह को नववर्ष की शुरुआत का महीना माना जाता है. ये महीना मार्च और अप्रैल से शुरू होता है. चैत और बैसाख में बसंत ऋतु का आगमन होता है. इस ऋतु कई त्योहारों के साथ ही नवरात्रि और रामनवमी का त्योहार भी मनाया जाता है. नवरात्रि जहां मां दुर्गा के नौ स्‍वरूपों की पूजा का उत्सव है वहीं रामनवमी को राम जी के जन्‍मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

आश्विन और कार्तिक माह में शरद ऋतु का आगमन होता है. शरद ऋतु को बसंत ऋतु का ही दूसरा स्वरूप कहा जाता है क्योंकि प्रभाव की दृष्टि से दोनों एकसमान है. ये ऋतु अक्टूबर से नवंबर के बीच आती है. शरद ऋतु में नवरात्रि और दशहरा त्योहार के साथ कई और त्योहार मनाएं जाते हैं. इस ऋतु में सबसे ज्यादा शारदीय नवरात्रि की धूम देशभर में रहती है.

बसंत ऋतु और शरद ऋतु दोनों ही ऋतुओं के आगमन से मन में फूर्ति और जोश भर जाता है. हर और स्वच्छ. वातावरण, प्रकृति के अलौकिक नजारें देखने को मिलते हैं. इस समय मन प्रफुल्लित रहता है. यही कारण है कि नवरात्रि के आते ही भक्तजन और लोग खुशी और उल्लास से भर जाते हैं. कहते हैं इस मौसम में एक जादू होता है जो आपकी समस्याओं को खुद ही दूर करने लगता है.

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