राजस्थान में पंचायती राज में 12 साल से 93 फीसदी पद खाली पड़े हैं. राज्य सरकार 11 साल से खाली पड़े इन पदों पर भर्तियां नहीं कर रही है. पंचायती राज में जूनियर इंजीनियर के 2 हजार से अधिक पद खाली हैं. गांवों के विकास का रोडमेप तैयार करने वाले जूनियर इंजीनियर के पदों पर भर्ती की घोषणाएं तो हुई लेकिन नोटिफिकेशन नहीं आया. जहां एक और राजस्थान में इंजीनियरिंग करने के बाद लाखों युवा बेरोजगार भटक रहे हैं. वहीं, दूसरी और पद खाली होने के बाद भी सरकार वैकेंसी नहीं निकाल रही.
साल 2019 में बजट के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने जूनियर इंजीनियर के 2,100 पदों को स्वीकृति प्रदान की.
2019 में इन पदों को स्वीकृति तो मिल गई लेकिन 2020 खत्म होने वाला है और अब तक इन पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन नहीं आया है. इतना ही नहीं 3 नवंबर को जूनियर इंजीनियर के खाली पड़े 114 पदों को भी स्वीकृति दे दी गई है.
अब पिछली बार हुई घोषणा और 3 नवंबर को हुई घोषणा के हिसाब से 2214 पद खाली पड़े हैं. वहीं एक आरटीआई से यह जानकारी मिलती है कि 2018 तक जूनियर इंजीनियर के 2372 पद खाली थे.
अब अगर आरटीआई के हिसाब से देखा जाए तो 2372 पद और अभी स्वीकृत हुए 114 पदों को मिलाकर कुल 2486 पद खाली हैं.
एक छात्र जीत यादव कहते हैं, ''राजस्थान सरकार ने साल 2019 में बजट में पंचायती राज विभाग में 2100 JEN भर्ती की घोषणा की लेकिन विभाग में 93 फीसदी पद खाली होने के बाद भी भर्ती नहीं हुई, जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार मानसिक रूप से परेशान हैं. 4 साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, डिग्री के लिए 7-8 लाख रुपये खर्ज हो गए. सरकार सेवानिवृत्त JEN/AEN को पुन: संविदा पर लगा रही है. परन्तु बेरोजगारों के लिए भर्ती नहीं कर रही.''
एक छात्र विनोद चौधरी कहते हैं, ''पंचायती राज विभाग में 2372 पद पहले से खाली हैं और हाल ही में 114 नए पद सृजित किए गए हैं. भर्ती नहीं होने के कारण 12 सालों से भर्ती के इंतजार में युवा बेरोजगार हैं.''
बता दें कि राजस्थान में इंजीनियरिंग के लाखों छात्र बेरोजगार हैं. लाखों की फीस देने के बाद भी छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही. राजस्थान में AEN यानी असिस्टेंट इंजीनियर परीक्षा का रिजल्ट भी अब तक जारी नहीं हुआ है. AEN 2018 भर्ती की मुख्य परीक्षा का परिणाम लगभग एक वर्ष से अटका पड़ा है.
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